35.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

#RIPBraveHearts : शहादत से झारखंड का नाता है पुराना

कभी सीमा पार से हो रही गोलीबारी में, कभी सोते वक्त अचानक हुए हमले में, कभी गाड़ी पर हुए बम धमाके में, कभी छुपकर कायरों की तरह किये गये हमले में. कभी सीमा पार से आये आतंकी, तो कभी देश के अंदर से अपने ही रास्ता भटके हुए लोगों के हमले में हमारे कई जवान […]

कभी सीमा पार से हो रही गोलीबारी में, कभी सोते वक्त अचानक हुए हमले में, कभी गाड़ी पर हुए बम धमाके में, कभी छुपकर कायरों की तरह किये गये हमले में. कभी सीमा पार से आये आतंकी, तो कभी देश के अंदर से अपने ही रास्ता भटके हुए लोगों के हमले में हमारे कई जवान शहीद होते हैं. जब जब जवान शहीद होते हैं, तब हमें तकलीफ होती है.. हर बार दर्द के साथ गुस्सा होता है. सभी के मन में एक ही सवाल है उन आतंकियों को क्या जवाब देंगे, कैसे जवाब देंगे और कब जवाब देंगे. खबर है कि पुलवामा में ही जैश ए मोहम्मद के दो आतंकियों को मार गिराया गया. कामरान वही आतंकी है जो पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड था. सेना ने कश्मीर के उन जवानों को संदेश दिया है कि आप सही रास्ते पर लौट आयें नहीं तो मारे जायेंगे.

दर्द और गुस्से के साथ हमें गर्व है उन जवानों पर जिन्होंने हमारी रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी…. प्रभात खबर डॉट कॉम उन सभी जवानों को सलाम करता है जिन्होंने हमारे चैन की नींद के लिए अपनी जान दी. आइये नमन करें उन जवानों की शहादत को. उरी और पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जख्म अभी हरे हैं. हमने उरी हमले का जवाब दुश्मनों को दे दिया. अब पुलवामा में हुए हमले का जवाब दिया जा रहा है. भारत ने मोस्ट फेवर्ड नेशन से हटा दिया.. पाकिस्तान को सिर्फ आर्थिक तौर पर ही नहीं बल्कि उन आतंकियों को भी उन्हीं की भाषा में जवाद दिया जा रहा है.
पुलवामा में हमने 40 से ज्यादा जवान खोये. इनमें गुमला जिले के विजय सोरेंग को भी हमने खो दिया. गुमला वीरों की भूमि है. चैनपुर ब्लॉक के लाल नायमन कुजूर भी उरी हमले में शहीद हुए अब गुमला जिसे से शहीद विजय सोरेंग ने कुर्बानी दे दी. . देश की सेवा ही हमारी आन, बान व शान है. एक थे परमवीर चक्र विजेता लांस नायक शहीद अलबर्ट एक्का, जिन्होंने अकेले पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर कर दिया था. सेना में झारखंड के वीर अपना योगदान दे रहे हैं. झारखंड के ऐसे कई वीर हैं जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी.
विजय सोरेंग
शहीद विजय सोंरेंग का जन्म 1974 में हुआ था. विजय हॉकी के अच्छे खिलाड़ी थे. इसे खेल के दम पर उन्हें सेना में नौकरी मिली थी उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के आरसी मिशन प्राथमिक विद्यालय में हुई थी. 1993 में विजय सेना में बहाल हुए. 1995 में एसपीजी में कमांडो दस्ता में शामिल हुए और एनकॉउटर स्पेसलिस्ट हो गये. कमांडों के रुप में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा की बेटी दामाद के अंग रक्षक के रुप में सेवा देना आरंभ किया. 16 वर्षों तक झारखंड में तैनात रहे. वर्ष 2018 में उनका पदस्थापन जम्मू में कर दिया गया था और 14 फरवरी को उनके शहीद होने की खबर गांव पहुंची.
उरी हमले में झारखंड ने दो जवान वीर खो दिये
एक शहीद का नाम सिपाही जावरा मुंडा है जो खूंटी (मुरहू थानाक्षेत्र के मेराल गांव) के हैं जबकि दूसरे शहीद का नाम सिपाही नायमन कुजूर है जिनका संबंध गुमला (चैनपुर थाना क्षेत्र के कुरूमगढ़) से है.नायमन के घर में पत्नी, मां और एक छोटा बच्चा है. शहीद जावरा मुंडा के छोटे भाई दाउद मुंडा ने कहा कि कश्मीर जाने के पहले भैया ने कहा था कि गांव में सबसे मिलकर रहना, किसी से लड़ाई-झगड़ा मत करना और परिवार व बच्चों का ध्यान रखना. दाउद मुंडा भी सेना में भर्ती होना चाहता है.
झारखंड वीरों की भूमि है हमारे वीरता का इतिहास पुराना है ऐसे मौके पर पूरे देश में शहादत को लेकर गर्व है आइये याद करते हैं उन शहीदों को जिन्होंने युवाओं को सेना में जाने और लड़ने की हिम्मत दी, जो मिशाल बने और जिनकी वजह से आज भी झारखंड के कई जवान सेना में डटे हैं.
लांस नायक अलबर्ट एक्का : गंगासागर में दिखायी थी वीरता
अलबर्ट एक्का का जन्म गुमला जिले के जारी गांव में 27 दिसंबर 1942 में हुआ था. पिता जूलियस एक्का भी सेना में थे. पत्नी का नाम बलमदीना एक्का है़ परमवीर चक्र विजेता अलबर्ट एक्का ने 3 दिसंबर 1971 को भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान गंगासागर में बेमिसाल साहस का परिचय दिया. यही लांस नायक अलबर्ट एक्का को वीरगति की प्राप्ति हुई थी़ मरणोपरांत देश का सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया. वर्ष 2000 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी किया गया.
सिपाही जॉन ब्रिटो किड़ो (22 अक्‍तूबर 1968-13 सितंबर 1989)
जॉन का जन्म सिमडेगा जिले के ठेठईटांगर पंचायत में एक साधारण परिवार में हुआ था़ वह कारलुस किड़ो के पुत्र थे. प्रारंभिक शिक्षा तमाड़ मिशन स्कूल से हुई. तोरपा से मैट्रिक पास करने के बाद सिमडेगा कॉलेज में नामांकन कराया. कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही 1986-87 के बीच सेना में चले गये. श्रीलंका में शांति सेना के रूप में अपनी सेवा दी़ यहां बारूदी सुरंग से पैर उड़ने, घायल होने के बावजूद हार नहीं मानी. सांस टूटने से पहले कई विद्रोहियों को मार डाला. इसी वीरता के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था.
सूबेदार घामा उरांव (05 फरवरी 1968)
घामा उरांव का जन्म 5 फरवरी 1968 को लोहरदगा में हुआ था. घामा तीन भाई और तीन बहनें थे. तीनों भाइयों में वह सबसे बड़े थे. गरीबी के कारण खुद उच्च शिक्षा नहीं ग्रहण कर सके, लेकिन अपने बच्चों को इंजीनियर और डॉक्टर बनाना चाहते थे. फुटबॉल उनका प्रिय खेल था. 1989 की बात है. उन दिनों श्रीलंका गृह युद्ध से जूझ रहा था. भारतीय फौज श्रीलंका गयी थी. इसमें वह भी शामिल थे. यहां घने जंगल में चार लड़ाकों ने उन पर हमला कर दिया़. घामा ने सभी लड़ाकों को मार गिराया. इसी दौरान वह भी गंभीर रूप से घायल हो गये थे. 26 जनवरी 1991 को वीर चक्र दिया गया.
नायक विश्‍वा केरकेट्टा (05 अगस्‍त 1964-20 अक्‍तूबर 1997)
20 अक्तूबर 1997 को जम्मू -कश्मीर में आतंकियों के साथ बहादुरी से लड़ते हुए झारखंड के सपूत विश्वा केरकेट्टा शहीद हो गये थे. अपनी शहादत से पहले दो खतरनाक आतंकियों को मार गिराया था. इस बहादुरी के लिए विश्वा केरकेट्टा को वर्ष 2000 में तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन द्वारा कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया, जिसे उनकी पत्नी उर्मिला केरकेट्टा ने ग्रहण किया. रांची के बूटी मोड़ पर युद्ध स्मारक में परमवीर चक्र विजेता अलबर्ट एक्का के साथ-साथ विश्वा केरकेट्टा की भी प्रतिमा लगी है. उनकी पत्नी के मन में आज भी आर्मी के प्रति काफी सम्मान है.
सिपाही शंकर हेंब्रम (11 जून 1923-12जून 1948)
11 जून 1923 को दुमका प्रांत के छुरीबादा में शंकर हेंब्रम का जन्म हुआ था. परिवार में पिता गोपाल हेंब्रम और माता जितनी सोरेन के अलावा दो वर्ष बड़े भाई जगु हेंब्रम भी थे. 1941 में भारतीय सेना में शामिल हो गये़ दुमका के एक छोटे से गांव से निकलकर न केवल अपना, बल्कि पूरे इलाके का नाम रोशन किया. गुजरात के तटीय इलाकों में दुश्मनों का सामना करनेवाली सेना की टीम में शंकर हेंब्रम भी थे. उम्र 24-25 की होगी. 12 जून 1948 का दिन था. शंकर दुश्मनों के साथ संघर्ष कर रहे थे. इसमें दोनों ओर से लोग मारे जा रहे थे. इसमें शंकर हेंब्रम का कोई अता-पता नहीं चला. शव भी नहीं मिला़. बाद में मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. वे अविवाहित थे.
नायक जिदान बागे (18 जनवरी 1958-27 फरवरी 1991)
जिदान बागे का जन्म 18 जनवरी 1958 को गुमला के टाटी कुरकुरा में हुआ था. 29 जुलाई 1977 को सेना में शामिल हो गये. 80 और 90 दशक में पंजाब अशांत था. आतंकवाद से लोग तबाह थे. जिदान पंजाब में तैनात थे. 27 फरवरी 1991 का दिन था. जिदान को खबर मिली कि आतंकवादियों का जत्था गेहूं के खेतों में घात लगाकर बैठा है. नायक जिदान बागे ने कुछ साथी जवानों के साथ उन्हें घेर लिया़ कई गोलियां उन्हें लग चुकी थी. इसी लड़ाई में शहीद हो गये. इसके पहले पांच आतंकवादियों को मार चुके थे. इस वीरता के लिए उन्हें शौर्य चक्र प्रदान किया गया.
लांस हवलदार तिफिल तिडू (02 अप्रैल 1958-28 मार्च 1994)
1994 में सोमालिया में शांति स्थापित करने के लिए भारतीय फौज गयी थी. इनमें झारखंड के तिफिल तिडू भी थे. वे बिहार रेजीमेंट के थे. विदेशी धरती पर बहादुरी से लड़ते हुए तिफिल तिडू 28 मार्च 1994 को सोमालिया के किस्माऊ क्षेत्र में शहीद हो गये. सोमालिया में विद्रोही खाने का सामान लूट रहे थे. इसे रोकने के प्रयास में विद्रोहियों ने हमला कर दिया था. तिफिल तिडू माता-पिता के इकलौते संतान थे. उनके पिता एक फौजी थे. माता गृहिणी थी. उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया.
लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्‍प कुमार (24 नवंबर 1974-05 दिसंबर 2014)
संकल्प का पूरा परिवार रांची में रहता है. संकल्प ने रांची के संत जेवियर स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई की थी. सच्चाई और मिलनसार स्वभाव के कारण अपने सभी शिक्षकों, दोस्तों, पास-पड़ोस के लोगों और परिवारजनों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय थे. उनमें दूसरों की हमेशा मदद करने की सोच और असाधारण नेतृत्व क्षमता थी. सेना में जाने की इच्छा ने उनका चयन सीडीएस में कराया. देहरादून में ट्रेनिंग खत्म करने के बाद पहली पोस्टिंग लखनऊ में हुई थी. वे 24 पंजाब रेजिमेंट में कार्यरत थे़ 5 दिसंबर, 2014 को बोफोर्स पावर हाउस की रक्षा करते हुए जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए. उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें