35.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

चौहान के बहाने शिवसेना ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गांधीजी वाले बयान पर साधा निशाना

मुंबईः शिवराज सिंह चौहान के भूख हड़ताल पर जाने के मुद्दे को लेकर उनपर निशाना साधते हुए सोमवार को शिवसेना ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों का आंदोलन खत्म करने के लिए गांधीवादी तरीके का सहारा लिया, जबकि उनकी अपनी पार्टी के अध्यक्ष ने महात्मा गांधी को चतुर बनिया कहा था. शिवसेना […]

मुंबईः शिवराज सिंह चौहान के भूख हड़ताल पर जाने के मुद्दे को लेकर उनपर निशाना साधते हुए सोमवार को शिवसेना ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों का आंदोलन खत्म करने के लिए गांधीवादी तरीके का सहारा लिया, जबकि उनकी अपनी पार्टी के अध्यक्ष ने महात्मा गांधी को चतुर बनिया कहा था. शिवसेना ने अपने मुखपत्र में छपे संपादकीय में कहा कि मुख्यमंत्री का काम शासन करना होता है. अनशन पर बैठ जाना भारतीयों के खिलाफ हो रहे अन्याय से लड़ने के लिए महात्मा गांधी का हथियार था. आज इस देश में न तो ब्रितानी और न ही कांग्रेस सरकार राज कर रही है.

इस खबर को भी पढ़ियेः शिवसेना ने भाजपा को दी चेतावनी, कहा-मध्यावधि चुनाव से बचना है, तो किसानों का कर्ज करना होगा पूरी तरह से माफ

ऋण माफी और अपनी फसलों के लिए लाभकारी मूल्य की मांग करने वाले किसानों से शांति की अपील करते हुए चौहान शनिवार को अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गये थे. उन्होंने कुछ योजनाओं की घोषणा करते हुए अगले दिन अनशन तोड़ दिया था, लेकिन फसाद से जुड़ी गतिविधियों में लिप्त लोगों को कड़ी चेतावनी जारी की थी. चौहान के अनशन से एक ही दिन पहले यानी शुक्रवार को भाजपा प्रमुख अमित शाह ने रायपुर में कहा था कि महात्मा गांधी एकचतुर बनिया थे, जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस को भंग करने की सही सलाह दी थी.

शिवसेना ने अपने संपादकीय में कहा कि भाजपा के अध्यक्ष तो महात्मा गांधी पर टिप्पणी कर रहे थे. वहीं, उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने राज्य की समस्याओं को सुलझाने के लिए गांधीवादी तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. मुख्यमंत्री का काम शासन करना है. संपादकीय में कहा गया कि अपने राज्य में विरोध-प्रदर्शनों के खिलाफ मुख्यमंत्री का भूख हड़ताल पर चले जाना गांधीवादी विचारों की जीत है, लेकिन गांधीजी, सरदार वल्लभभाई पटेल ने अन्याय एवं निर्ममता के खिलाफ लड़ने के लिए किसानों को तैयार किया और ब्रितानी लोगों के समक्ष चुनौति पेश करने के लिए गांधीवादी विचारों का इस्तेमाल किया.

देवेंद्र फडणवीस की सरकार पर तंज कसने के लिए चौहान का उदाहरण देते हुए शिवसेना ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के अनशन ने कम से कम उनकी किसानों के प्रति संवेदना तो दिखायी, जबकि महाराष्ट्र के नेताओं ने तो किसानों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की. भाजपा की पुरानी सहयोगी शिवसेना ने कहा कि किसानों के आंदोलन को असामाजिक तत्वों का आंदोलन करार देकर चौहान ने गंदी राजनीति खेलने की कोशिश नहीं की.

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश दोनों ही राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारें हैं. दोनों ही राज्यों में ऋणमाफी और अपनी फसल के लाभकारी मूल्यों समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसान एक जून को आंदोलनरत हो गये थे. आंदोलन के कुछ दिन बाद किसानों के एक समूह ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री फडणवीस से बात के बाद उनका आंदोलन वापस ले लिया गया है. हालांकि, बाद में किसानों एक अन्य धड़े ने कहा कि आंदोलन अब भी जारी है.

महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को किसानों के लिए ऋणमाफी की घोषणा की और ऋण से राहत देने के लिए पात्रता तय करने का फैसला किया. इसके बाद किसानों ने अपना विरोध-प्रदर्शन बंद किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें