पटना : गुरुवार की दोपहर जैसे जैसे मतगणना का रूझान आता गया और निकटतम प्रतिद्वंदी शत्रुघ्न सिन्हा से रविशंकर प्रसाद के वोटों का अंतर बढ़ता गया, उनके निवास पर समर्थकों का जमावड़ा बढ़ता गया. निवास पर उनके बैठने के लिए एक छोटा पंडाल पहले से ही लगा था.
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ढोल-नगाड़े से गूंज उठा रविशंकर का आवास
पटना : गुरुवार की दोपहर जैसे जैसे मतगणना का रूझान आता गया और निकटतम प्रतिद्वंदी शत्रुघ्न सिन्हा से रविशंकर प्रसाद के वोटों का अंतर बढ़ता गया, उनके निवास पर समर्थकों का जमावड़ा बढ़ता गया. निवास पर उनके बैठने के लिए एक छोटा पंडाल पहले से ही लगा था. उसमें एक बड़ा स्क्रीन भी लगा था […]
उसमें एक बड़ा स्क्रीन भी लगा था जो काउंटिंग के क्षण प्रतिक्षण के परिणाम से उन्हें अवगत करवा रहा था. भाजपा की टोपी लगाये दो ढोल नगाड़े वाले भी पहले से ही वहां बैठे थे.
शाम 4.30 बजे रविशंकर प्रसाद अपने दल बल के साथ घर आये. उसी के साथ जश्न शुरू हो गया. ढ़ोल नगाड़ों की थापों से पूरा परिसर गूंजने लगा. देर से रविशंकर प्रसाद का इंतजार कर रहे समर्थकों में कुछ ने घर पहुंचने पर प्रणाम कर उनका स्वागत किया जबकि कुछ नेताजी के बगल में खड़े हो उनके साथ सेल्फी लेने लगे.
उनके देखा देखी वहां मौजूद अन्य कार्यकर्ताओं में भी नेताजी संग सेल्फी लेने की ऐसी होड़ लगी कि हर कोई उनके बगल में खड़े होने की जुगत मेंं लग गया. जो नजदीक नहीं जा सकता था, वह दूर से ही मोबाइल पर उनकी तस्वीर खींच विजय के क्षणों को यादगार बनाने लगा.
देर तक रविशंकर अपने समर्थकों को सेल्फी देकर संतुष्ट करने के प्रयास में लगे रहे. इस बीच ढोल नगाड़ों की थाप पर झूमने और अंगुलियों से विजय का चिन्ह बनाकर जीत पर जश्न मनाने का सिलसिला जारी रहा. पुरुष कार्यकर्ताओं के बाद कुछ देर तक महिला कार्यकर्ताओं के साथ फोटो खिंचवाने का दौर भी चला. उसके बाद अपने समर्थकों का अभिवादन करते हुए रविशंकर घर के भीतर चले गये.
जम कर बंटीं मिठाइयां : इस बीच एक कार्यकर्ता बड़े टोकरीनुमा परात में मिठाई लेकर वहां मौजूद लोगों के बीच बांट रहा था. कुछ कार्यकर्ता मुट्ठी में भर कर परात में से मिठाई उठा रहे थे और अपने साथ आये अन्य कार्यकर्ताओं को जिद कर-कर के खिला रहे थे. कई तो यह कहते भी सूने गये कि 300 से अधिक सीट आने पर भी नहीं खाओगे मिठाई तो कब खाओगेे.
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