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एमबीबीएस में 150 सीटों का मामला, जल्द ही दूर होंगी कमियां

पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एमबीबीएस के डेढ़ सौ सीटों पर नामांकन के लिए स्थायी मान्यता मिले, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रशासन के साथ मिल कर कवायद आरंभ कर दी है. शुक्रवार को गुजरात मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बॉयोलॉजी विभाग के चिकित्सक डॉ विपुल कक्कड़ व स्वास्थ्य विभाग के प्रशांत […]

पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एमबीबीएस के डेढ़ सौ सीटों पर नामांकन के लिए स्थायी मान्यता मिले, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रशासन के साथ मिल कर कवायद आरंभ कर दी है.
शुक्रवार को गुजरात मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बॉयोलॉजी विभाग के चिकित्सक डॉ विपुल कक्कड़ व स्वास्थ्य विभाग के प्रशांत कुमार कॉलेज व अस्पताल में निरीक्षण को पहुंचे. टीम के सदस्य सबसे पहले कॉलेज पहुंचे, जहां पर प्राचार्य डॉ सीताराम प्रसाद से कॉलेज में उपलब्ध संसाधन, फैक्लटी की जांच-पड़ताल की. अस्पताल के प्राचार्य डॉ सीताराम प्रसाद व अस्पताल अधीक्षक डॉ चंद्रशेखर का कहना है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से सीट बढ़ाने के मामले में जो कमी दर्शायी गयी थी, उसमें अधिकतर को दूर कर लिया गया है. संसाधन व व्यवस्था दुरुस्त रही, तो भविष्य में कॉलेज में 150 सीटों पर नामांकन होगा. अभी कॉलेज में एक सौ सीटों की स्थानीय मान्यता मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से प्राप्त है.
बताते चलें कि इसी वर्ष विभाग की ओर से टीम ने कॉलेज व अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्था में सुधार के लिए रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. इसके आलोक में कार्य कराया गया है. प्राचार्य की मानें तो संसाधन बढ़ने की स्थिति में पीजी की सीटें भी बढ़ायी जायेंगी. अस्पताल प्रशासन भी सीट बढ़े इसके लिए कार्य कर रहा है.
पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज में चार दिनों से तालाबंदी व उपवास पर बैठे छात्रों का आंदोलन शुक्रवार को समाप्त हो गया. दरअसल स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार गुरुवार को छात्रों के शिष्टमंडल से मिलने के बाद गया जाने के क्रम में कॉलेज आने की बात कही थी.
इसी आलोक में प्रधान सचिव कॉलेज पहुंचे, जहां आंदोलनकारी छात्रों को समझाया कि 22 सितंबर को मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व अधीक्षक के साथ होने वाली बैठक में पारा मेडिकल छात्रों की समस्याओं व मांगों पर भी चर्चा होगी. इसके बाद उपवास पर बैठे छात्रों को जूस पिला कर हड़ताल समाप्त कराया. साथ कॉलेज में की गयी तालाबंदी को खोलवाया. इस दरम्यान कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीताराम प्रसाद व अस्पताल अधीक्षक डॉ चंद्रशेखर भी उपस्थित थे.
मालूम हो कि बिहार राज्य पारा मेडिकल छात्र संघर्ष समिति की बैनर तले आंदोलन पर उतरे छात्र कॉलेज के कार्यालय व परिसर में स्थित स्वास्थ्य विभाग के परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में तालाबंदी कर उपवास पर बैठे थे.
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि पारा मेडिकल छात्रों की प्रमुख मांगों में एकेडमिक कैलेंडर, छात्रवास निर्माण, छात्रवृत्ति देने, संयुक्त पारा मेडिकल काउंसिल के गठन, मेडिकल कॉलेजों में डिग्री पाठक्रम व पुरुष को जीएनएम ट्रेनिंग देने की सुविधा समेत अन्य शामिल है.
प्रधान सचिव ने कहा है कि किसी दूसरे राज्य में अगर काउंसिल कार्य कर रही है, तो उसका गठन की प्रक्रिया विभाग को उपलब्ध कराये, जिसके आलोक में कार्य होगा.
आंदोलन में दिग्विजय कुमार सिंह, अंजली कुमारी, अंजनी कुमारी, आरती कुमारी, सन्नी कुमार, आशुतोष नंदन, राजीव,आयशा प्रवीण, टिक्कंल कुमार, जय किशन, अजीत, चंदन समेत अन्य छात्र शामिल है. इन लोगों ने कहा कि मांगे नहीं माने जाने की स्थिति में जेल भरो आंदोलन शुरु करेंगे.

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