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किस कानून में जब्त कर रहे शराबी चालकों की गाड़ी

नाराजगी. गाड़ी जब्ती पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और भोजपुर के डीएम से पूछा सवाल पटना : पटना हाइकोर्ट ने भोजपुर के डीएम के साथ ही राज्य सरकार से यह पूछा है कि किस कानून के तहत शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले की गाड़ी पुलिस द्वारा जब्त की जा रही है. अदालत ने पूछा कि […]

नाराजगी. गाड़ी जब्ती पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और भोजपुर के डीएम से पूछा सवाल
पटना : पटना हाइकोर्ट ने भोजपुर के डीएम के साथ ही राज्य सरकार से यह पूछा है कि किस कानून के तहत शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले की गाड़ी पुलिस द्वारा जब्त की जा रही है. अदालत ने पूछा कि क्या शराबबंदी कानून में इस तरह का कोई प्रावधान है? अगर नहीं तो सरकार जनता को परेशान करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों पर क्यों नहीं कर रही है कार्रवाई. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने पिंटू लाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने स्पष्ट कहा कि शराबबंदी कानून में यह प्रावधान है कि अगर किसी वाहन का उपयोग शराब को ले जाने बेचने के लिए होता है तो उसे जब्त किया जा सकता है.
लेकिन, अगर कोई व्यक्ति शराब पीकर गाड़ी चलाता है तो उसके गाड़ी को जब्त करने का प्रावधान सरकार द्वारा बनाये इस कानून में नहीं है. पुलिस द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है, वह गैरकानूनी है. इसके लिए दोषियों पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. अदालत ने पटना हाईकोर्ट के रजिस्टर को यह निर्देश दिया वह इस आदेश की प्रति राज्य सरकार के साथ-साथ भोजपुर के जिलाधिकारी को भी भेज दे, ताकि गैरकानूनी रूप से जब्त वाहनों को अविलंब छोड़ा जा सके.
पटना : राज्य के होमियोपैथी कॉलेजों की मान्यता पर रोक लगाने संबंधी केंद्र सरकार के आदेशों को पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सही ठहराया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय की ओर से दायर अपीलों पर सुनवाई करते हुए इन अपीलों को मंजूर कर मामले में पारित हाई कोर्ट के एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया.
गौरतलब है कि गत दिसंबर महीने में न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने महर्षि मेही व अन्य होमियोपैथी कॉलेजों की ओर से दायर रिट याचिकाओं को मंजूर करते हुए यह कहा था कि राज्य के इन होमियोपैथी कॉलेजों का निरीक्षण करने की शक्ति आयुष मंत्रालय के पास नहीं है. होमियोपैथी कॉलेजों के निरीक्षण व उनकी मान्यता देने व कायम रखने का क्षेत्राधिकार केंद्रीय होमियोपैथी परिषद को ही है.
अदालत ने कहा था कि अवैध निरीक्षण करते हुए उसके आधार पर इन होमियोपैथी कॉलेजों की मान्यताओं व दाखिले पर रोक केंद्र सरकार नहीं लगा सकती.
एकलपीठ ने केंद्र सरकार द्वारा अगस्त-सितंबर 2017 में पारित उन सभी नोटिस व आदेशों को निरस्त कर दिया था, जिनसे रिट याचिका दायर करने वाले सूबे के आठ होमियोपैथी कॉलेजों की मान्यता व उनमें दाखिले पर रोक लगा दिया गया था. हाईकोर्ट ने एकलपीठ के फैसले को पलटते हुए केंद्र सरकार के उक्त आदेश को सही ठहराया. हाई कोर्ट के इस फैसले से राज्य के इन आठ होमियोपैथी कॉलेजों की मान्यताओं व उनमें होने वाले दाखिले फिर से ग्रहण लग सकता है.
पटना. राज्य में हिंदू धर्म स्थलों की सुरक्षा को लेकर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और धार्मिक न्यास परिषद से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है.
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एक लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और धार्मिक न्यास परिषद से पूछा कि वह चार सप्ताह में अदालत को यह बताये कि हिंदू धर्म स्थलों की सुरक्षा के लिए क्या कार्रवाई की गयी. अदालत को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि राज्य के हिंदू धर्म स्थलों पर असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है. मंदिर में स्थापित मूर्तियां आये दिन चोरी हो रही है. मंदिर एवं मठों की जमीन को असामाजिक तत्वों द्वारा लूटा जा रहा है. पुजारी तक सुरक्षित नहीं हैं.

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