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चारा घोटाला : लालू को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, चलेगा आपराधिक साजिश रचने का मुकदमा

पटना : अविभाजित बिहार में हुए बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और अन्य पर से आपराधिक साजिश और अन्य धाराएं हटाये जाने के खिलाफ सीबीआइ की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले से लालू यादव को बड़ा झटका लगा है. फैसले के मुताबिक सुप्रीम […]

पटना : अविभाजित बिहार में हुए बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और अन्य पर से आपराधिक साजिश और अन्य धाराएं हटाये जाने के खिलाफ सीबीआइ की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले से लालू यादव को बड़ा झटका लगा है. फैसले के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव पर इस मामले में आपराधिक साजिश का केस चलाने की इजाजत दे दी है. इतना ही नहीं, अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि चारा घोटाले से जुड़े अलग-अलग मामले चलते रहेंगे या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को पलटकर,सीबीआइ की दलील स्वीकार करते हुए चारा घोटाले में हर केस की ट्रायल करने की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि घोटाले के सभी 40 अभियुक्तों पर षड्यंत्र रचने का केस चलाया जायेगा. कोर्ट के इस फैसले से लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ गयी हैं.

झारखंड हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गयी थी याचिका

ज्ञात हो कि इस मामले में नवंबर 2014 में झारखंड हाइकोर्ट ने लालू को बड़ी राहत दी थी. हाइकोर्ट ने लालू पर लगे कई आरोपों में उन्हें राहत देते हुए साजिश रचने आइपीसी की धारा 420 ठगी, 409 क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन के आरोप को हटा दिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि किसी भी व्यक्ति को एक अपराध के लिए दो बार सजा नहीं दी जा सकती.हाइकोर्ट ने इस फैसले में यह भी कहा था कि लालू यादव के खिलाफ आइपीसी की दो बाकी धाराओं के तहत केस चलता रहेगा. उसके बाद, झारखंड हाइकोर्ट के इस फैसले के आठ महीने बाद सीबीआइ ने झारखंड हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की. लालू प्रसाद की ओर से राजद के राज्यसभा सांसद और अधिवक्ता राम जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि लालू पर लगे सभी आरोप एक जैसे हैं, इसलिए मामले को लेकर दर्ज किये गये अलग-अलग मुकदमों को देखने की जरूरत नहीं है.

सीबीआइ ने दायर की थी याचिका

वहीं इस मामले में सीबीआइ की ओर से लालू पर छह अलग-अलग मामले दर्ज हैं. लालू इन मामलों में से एक में दोषी करार दिये गये हैं. मामला हाइकोर्ट में लंबित है. सीबीआइ ने इन छह मामलों में तर्क देते हुए कहा था कि सभी मामलों में साल, रिश्वत की रकम और ट्रांजेक्शन अलग-अलग है, इस लिए सभी मामलों को एक जैसा नहीं देखा जा सकता. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद 20 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 950 करोड़ के इस चारा घोटाले में लालू प्रसाद के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, जदयू के सांसद जगदीश शर्मा समेत 45 आरोपी हैं. इन सभी पर चाईबासा कोषागार से 37.07 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का गंभीर आरोप है. चारा घोटाला बिहार का बहुचर्चित घोटाला है, जिसमें 1990 से लेकर 1997 तक पशुपालन विभाग में अलग-अलग जिलों में एक हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था.

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