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पटना : हाईकोर्ट वकील हत्याकांड में ताजुद्दीन पर टिकी शक की सूई, हत्या से पहले हो गया अंडरग्राउंड

प्रॉपर्टी को लेकर अधिवक्ता का कई लोगों से चल रहा था विवाद पटना : पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता जितेंद्र कुमार की हत्या के बाद पुलिस की तफ्तीश जारी है. अब तक चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि अन्य की तलाश चल रही है. सूत्रों के मुताबिक इस हत्याकांड में बड़ी साजिश रची गयी […]

प्रॉपर्टी को लेकर अधिवक्ता का कई लोगों से चल रहा था विवाद
पटना : पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता जितेंद्र कुमार की हत्या के बाद पुलिस की तफ्तीश जारी है. अब तक चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि अन्य की तलाश चल रही है. सूत्रों के मुताबिक इस हत्याकांड में बड़ी साजिश रची गयी है. प्राॅपर्टी के विवाद और जमीन की खरीद-बिक्री में हुई धोखेबाजी के बाद अधिवक्ता जितेंद्र कुमार को रास्ते से हटाया गया है.
पुलिस को जांच के दौरान यह पता चला है कि गर्दनीबाग का रहने वाला ताजुद्दीन पिछले चार दिनों से लापता है. मतलब कि अधिवक्ता की हत्या से पहले ही वह अंडरग्राउंड हो गया. इससे पुलिस की शक की सूई अब मोहम्मद ताजुद्दीन पर जाकर टिक गयी है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. पुलिस का दावा है कि अधिवक्ता को गोली मारने वाले शूटरों की पहचान कर ली गयी है. जल्द गिरफ्तारी कर ली जायेगी.
जमीन के नाम पर ताजुद्दीन को मिला था धोखा : अधिवक्ता जितेंद्र कुमार के साले पनसुजीत ने जितेंद्र कुमार के एक बिगहा जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी गलत कागजात के आधार पर अपने नाम करा ली. इसके बाद गर्दनीबाग के रहने वाले मोहम्मद ताजुद्दीन के नाम जमीन की रजिस्ट्री कर दी. ताजुद्दीन ने जब कागज चेक किया, तो पता चला कि जमीन जितेंद्र कुमार के नाम है. इस धोखे से ताजुद्दीन को आर्थिक क्षति पहुंची.
ताजुद्दीन पर इसलिए भी शक : पुलिस की तफ्तीश यह कहती है कि जिस जमीन को ताजुद्दीन ने लिया है, उस पर आगे कोई विवाद नहीं रहे इसके लिए जितेंद्र कुमार की साजिश के तहत हत्या कर दी गयी है.
इसमें जितेंद्र कुमार से विवाद रखने वाले सभी विरोधी एक साथ मिल गये और शूटरों को हायर करके घटना को अंजाम दिया गया है. रुपेश की पत्नी भी हुई फरार: पुलिस ने घटना के दिन रुपेश को तो गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद पूछताछ में रुपेश की पत्नी सुप्रिया की भी संदिग्ध भूमिका सामने आयी है. पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ी.
बड़े भाई को भी दी गयी थी धमकी
अधिवक्ता जितेंद्र कुमार के बड़े भाई डॉक्टर राजकुमार हाेमियोपैथिक डॉक्टर हैं. आकाशवाणी रोड खोजा ईमली में उनका क्लिनिक है.
डॉक्टर राजकुमार ने बताया कि एक साल पहले उनके क्लिनिक पर हंगामा हुआ था. इस दौरान कुछ लोगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी. इस मामले में उन्होंने स्थानीय थाने में आवेदन दिया था अौर सुरक्षा की मांग की थी. अब हत्या के बाद हर पहलू को शक की नजर से देखा जा रहा है.
दाहिने साइड के कंधे में शूटरों ने मारी थी एक गोली : जितेंद्र कुमार को पेशेवर शूटरों ने गोली मारी थी. उन्हें एक गोली मारी गयी थी. गोली लगते ही वह सड़क पर गिर पड़े थे. उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. गौरतलब है कि बुधवार की सुबह 10 बजे जितेंद्र कुमार को उस समय गोली मारी गयी थी, जब वे हाईकोर्ट जा रहे थे.
निकाला आक्रोश मार्च, आज भी नहीं करेंगे काम : गुरुवार को पटना व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता संघ ने हाई कोर्ट के अधिवक्ता जितेंद्र की हत्या के विरोध में आक्रोश मार्च निकाला और दो दिवसीय हड़ताल पर जाने का एलान किया.
अधिवक्ता की पत्नी के रिश्तेदारों से हो रही पूछताछ
पटना : अधिवक्ता जितेंद्र कुमार हत्याकांड मामले में पटना पुलिस की एक टीम मुजफ्फरपुर पहुंच चुकी है और वहां कैंप कर गयी है. इसके साथ ही नामजद अारोपित अधिवक्ता के ससुर कृष्णा सिंह व साला पनसुजीत कुमार को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है. हालांकि घटना की जानकारी मिलने के बाद ही सभी वहां से घर छोड़ कर फरार हो गये हैं.
पुलिस ने कृष्णा सिंह के नजदीकी रिश्तेदारों को पकड़ा है और उन लोगों से पूछताछ की जा रही है. डीआईजी सेंट्रल राजेश कुमार ने बताया कि इस केस के तमाम आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए हर संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. गिरफ्तार लोगों को रिमांड पर लिया जायेगा.

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