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उदारता दिखाये केंद्र, बिहार में नयी सरकार का दिखे फायदा

विभाग ने सभी जिलों से असर्वेक्षित जमीन का मांगा ब्योरा टेली लॉ का उद्घाटन. टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से आयेगी पारदर्शिता : नीतीश पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से राज्य को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के मामले में उदारता दिखाने की अपील की है, जिससे कि बिहार में एनडीए सरकार बनने का फायदा […]

विभाग ने सभी जिलों से असर्वेक्षित जमीन का मांगा ब्योरा
टेली लॉ का उद्घाटन. टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से आयेगी पारदर्शिता : नीतीश
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से राज्य को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के मामले में उदारता दिखाने की अपील की है, जिससे कि बिहार में एनडीए सरकार बनने का फायदा दिखे. राज्य में टेली लॉ के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ने रविवार को केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद से कहा कि केंद्र और राज्य सरकार एक साथ आ गयी है, तो इसका फायदा भी दिखना चाहिए. बिहार बड़ा राज्य है.
ऐसे में न्यायिक सेवा के लिए 50, 60 या 70 करोड़ रुपये देने से कुछ नहीं होगा. केंद्र को और उदार होना होगा. पटना हाइकोर्ट की मदद करने की जरूरत नहीं है. बिहार सरकार हाइकोर्ट के भवन का विस्तार कर रही है और इसके लिए 169 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है. केंद्र सब-ऑर्डिनेट ज्युडिशियरी के लिए ही मदद करे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में जब राज्य में एनडीए की सरकार बनी थी, तो सरकार का बजट 25 हजार करोड़ रुपये था, जबकि चालू वित्तीय वर्ष का बजट 1.60 लाख करोड़ का है.
ऐसे में न्यायिक सेवा के लिए 60-70 करोड़ रुपये देने का कोई मायने नहीं है. केंद्र सरकार कुछ ऐसा करे कि जो दिखाई पड़े. उन्होंने कहा कि पटना हाइकोर्ट ने काफी सहयोग किया है. लोक अदालत लगा कर 2016 से अब तक चार लाख मामलों का निबटारा किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि टेली लॉ से कमजोर तबकों को न्याय में सहायता मिलेगी. पारा लीगल वोलेंटियर्स की सहायता से कमजोर तबके के लोगों को सहायता मिल सकेगी. आज टेक्नोलॉजी का प्रयोग निचले स्तर पर किया जा रहा है, इसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार बधाई के पात्र हैं. इससे पारदर्शिता आने वाली है और फर्जी तरीके से लाभ पाने वालों पर अंकुश लगेगा. उन्होंने कहा कि बिहार की आबादी करीब 12 करोड़ है और छह करोड़ मोबाइल फोन हैं. टेक्नोलॉजी के प्रति लोगों में काफी रुचि है. इसके जरिये लोगों को सेवा प्रदान करने में काफी सुविधा होगी.
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का पहले से हो रहा प्रयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में लाभार्थियों के बीच डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का प्रयोग पहले से किया जा रहा है. साइकिल योजना के शुरू होने पर साइकिल खरीदने के लिए छात्र-छात्राओं को नकद पैसे दिये जाते थे.
अब बैंकों के जरिये राशि दी जाती है. इसके अलावा छात्रवृत्ति और अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं का लाभ भी लाभार्थियों को बैंक के माध्यम से दिया जा रहा है. बैंक खातों को आधार कार्ड से भी जोड़ा जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जस्टिस डिलेड इज जस्टिस डिनाई. टेली लॉ के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को जल्दी न्यायिक सहायता मिल जायेगी, यह बहुत बड़ी बात है.
कॉमन सर्विस सेंटर की संख्या बढ़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल कॉमन सर्विस सेंटर 500 हैं. इसकी संख्या में बढ़ोतरी होनी चाहिए. राज्य सरकार की परिकल्पना है कि हर पंचायत में एक कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित हो. इसमें अनेक प्रकार की सुविधा मिलेगी. राज्य सरकार अपनी योजनाओं को भी इससे जोड़ेगी, जिससे लोगों को आसानी से लाभ मिल सके. पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड को इससे जोड़ा गया है. लोक सेवा अधिकार कानून को भी इससे जोड़ा जायेगा.
राज्य सरकार ने 2010 में लोक सेवा अधिकार की शुरुआत की. इससे पहले लोगों को आवासीय, जाति, चरित्र प्रमाणपत्र के लिए कितना चक्कर लगाना पड़ता था. आज लोगों को इन सेवाएं मिलने में कोई समस्या नहीं हो रही है. सेवा मिलने की अवधि को भी घटाया गया है. लोगों के शिकायतों के निष्पादन के लिए लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून लागू किया गया, इसमें अपील का भी प्रावधान है. मुख्यमंत्री ने कहा कि रूल ऑफ लॉ को स्थापित करना सबसे जरूरी है. जांच में यह पता चला कि आ रही शिकायतों में भूमि विवाद की लगभग 60% शिकायतें आ रही हैं. अगर भूमि विवाद के समस्याओं का समाधान किया गया, तो समाज में शांति आ जायेगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए नये सिरे से सर्वेक्षण कराया जा रहा है. पुराने सारे दस्तावेजों को अपडेट कर डिजिलटाइज कराया जा रहा है.
समारोह में थे मौजूद :
न्यायमूर्ति अजय त्रिपाठी, न्यायमूर्ति रविरंजन, विधि व न्याय मंत्रालय की सचिव स्नेहलता श्रीवास्तव, महाधिवक्ता ललित किशोर, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा व मनीष कुमार वर्मा सहित अन्य वरीय न्यायाधीश व अधिकारी मौजूद थे.
10 साल पुराने केसों का फास्ट ट्रैक से होगा निष्पादन : रविशंकर
पटना : बिहार और देश में 10 साल से पुराने केसों का निष्पादन फास्ट ट्रैक के जरिये किया जायेगा. इसके लिए रिटायर्ड न्यायाधीश व रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स को न्याय मित्र के रूप में बहाल किया जायेगा और लंबित मुकदमों का त्वरित निष्पादन हो सकेगा. इसकी घोषणा केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को की.
एसकेएम हॉल में केंद्रीय विधि व न्याय विभाग और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से आयोजित समारोह में टेली लॉ के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा कि देश में 21,28,325 और पटना हाइकोर्ट में 1,34,459 केस लंबित हैं. इसमें देश में 2,07,916 और पटना हाइकोर्ट में 18,294 केस 10 साल से ज्यादा पुराने हैं.
इसका फास्ट ट्रैक कर निष्पादन किया जायेगा. केंद्रीय मंत्री ने फास्ट ट्रैक कोर्ट शुरू करने के लिए सभी जिलों में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था करने का भी एलान किया. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी से विकास में सहायता मिल रही है. विभिन्न योजनाओं के 2.57 करोड़ रुपये लोगों के बीच बांट गये. इसमें टेक्नोलॉजी की वजह से 57 करोड़ रुपये को बिचौलियों से बचाया गया. वहीं, आधार व बैंक एकाउंट लिंक करने के बाद तीन करोड़ फर्जी गैस कनेक्शन और दो करोड़ फर्जी राशन कार्ड का खुलासा हुआ है.
उन्होंने बताया कि देश की आबादी 125 करोड़ हैं और 118 करोड़ के पास मोबाइल हैं. केंद्र सरकार ने इ-स्कॉलरशिप से दो करोड़ बच्चों, इ-हॉस्पिटल से 80 अस्पतालों को जोड़ा गया है. उन्होंने बताया कि देश भर में 2.70 लाख कॉमन सर्विस सेंटर हैं. जब विभाग मिला था, तो उस समय 75 हजार ही सेंटर थे. ये सेंटर आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ट्रेन टिकट, बैंक, जमीन व अन्य डिजिटल के काम करते हैं.
इन केंद्रों को 60 लाख व्यापारियों को डिजिटली ट्रेंड करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन दो करोड़ व्यापारियों को ट्रेंड कर दिया. बिहार में 19,500 सर्विस सेंटर हैं, जिनमें 12 हजार ग्रामीण क्षेत्र में हैं. इन सेंटर ने 1200 करोड़ कमाये हैं अौर सिर्फ आधार कार्ड से इन्हें 600 करोड़ मिले हैं. अब ये बाबा रामदेव की दवाई बेचने के साथ-साथ जीएसटी पर भी काम कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री इसे स्टेट डिजिटल सर्विस से जोड़ने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि किसी को जमीन की जानकारी के लिए जिला या प्रखंड स्तर पर जाना होता है, लेकिन इसे पंचायत स्तर पर यह सुविधा मिलनी चाहिए.
यूपी के बाद बिहार में टेली लॉ
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पांच जून को टेली लॉ का उद्घाटन किया गया. इसके बाद बिहार में हो रहा है. यूपी में अब तक 812 मामले आये हैं. इनमें से 692 को सुझाव दिये गये हैं. इनमें 160 महिलाओं, 96 ओबीसी, 29 एससी और सात एसटी के लोगों ने मामला सामने आये हैं. टेली लॉ के जरिये गरीबों को अवसर मिलेगा. गरीब, विधवा, दलित को जिला स्तर पर लीगल सर्विस अथॉरिटी के लोग न्यायिक सुझाव देंगे. यह तकनीक, मंच और संकल्प है.
अगले चीफ जस्टिस होंगे दीपक मिश्रा
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एलान किया कि वरिष्ठ न्यायाधीश दीपक मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे. उन्हें अग्रिम बधाई देते हैं और बिहार में उनका स्वागत करते हैं. वे देश की न्याय व्यवस्था को और मजबूत करेंगे. इस पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह बिहार के लिए गौरव की बात है. पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके दीपक मिश्रा देश के मुख्य न्यायाधीश बन रहे हैं.

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