मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर निगम के सफाई जमादार दुकानदारों से टैक्स लेकर उसे निगम कार्यालय में जमा नहीं कर रहे हैं. इसका खुलासा शनिवार को नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी विनित कुमार के समक्ष दुकानदारों ने किया है. बताया गया कि मौसम पर आधारित व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों के लिए निगम द्वारा टैक्स लिया जाता है. इसके लिए निगम क्षेत्र में व्यवसाय करने के लिए व्यवसायियों द्वारा सबसे पहले निगम कार्यालय में आवेदन दिया जाता है. उस आवेदन के आलोक में निगम द्वारा टैक्स का निर्धारण किया जाता है.
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टैक्स लेकर जमादार ने किया पॉकेट गरम, दुकान हटवाने पहुंचे अफसर
मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर निगम के सफाई जमादार दुकानदारों से टैक्स लेकर उसे निगम कार्यालय में जमा नहीं कर रहे हैं. इसका खुलासा शनिवार को नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी विनित कुमार के समक्ष दुकानदारों ने किया है. बताया गया कि मौसम पर आधारित व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों के लिए निगम द्वारा टैक्स लिया जाता […]
टैक्स का निर्धारण होने के बाद व्यवसायियों के नाम नोटिस जारी किया जाता है, जिसके आलोक में व्यवसायी निगम कार्यालय में राशि जमा कराते है. लेकिन इधर चुनावी व्यस्तता के कारण निगम द्वारा इसकी समीक्षा नहीं की जा रही थी. शनिवार को कार्यपालक पदाधिकारी श्री कुमार ने इससे संबंधित फाइल मंगाकर देखा कि कई व्यवसायियों द्वारा अभी तक टैक्स जमा नहीं किया गया है.
इसके बाद वह स्वयं मामले की जांच करने निकले. जब वह कचहरी रोड में स्थित तरबूजा बेचने वाले दुकानदारों के पास पहुंचे और उनसे यह जानना चाहा कि नोटिस के बाद भी अभी तक टैक्स जमा क्यों नहीं हुआ? यदि टैक्स जमा नहीं करना है, तो अपना दुकान हटा लें.
बगैर अनुमति व राजस्व जमा किये बिना निगम क्षेत्र में व्यवसाय करने की इजाजत नही है. इसके बाद एक व्यवसायी पिंटु ने कार्यपालक पदाधिकारी से कहा कि उनलोगों के द्वारा नोटिस मिलने के तत्काल बाद राशि जमादार शेरान खान को दे दिया गया है. नोटिस मिला था, उसके कुछ दिन के बाद जमादार शेरान खान उनलोगों के दुकान पर आये थे.
तब उसने टैक्स के रूप में एक मुश्त 18 हजार रुपये का भुगतान कर दिया है. यह सुनकर कार्यपालक पदाधिकारी श्री कुमार हैरत में पड़ गये. कहा कि किसी को भी ऐसे पैसा क्यों दे देते हैं? बगल में ही तो निगम कार्यालय है आकर जमा कर देते. राशि जमा करें, तो रसीद ले ले. किसी भी कर्मी को ऐसे पैसा न दे. इस पर व्यवसायी पिंटू ने कहा कि अब तो दे चुके हैं सर. कोई उपाय कीजिए. इस पर उन्होंने कहा कि जमादार को कारण बताओ नोटिस जारी किया जायेगा. पूछा जायेगा कि आखिर किस हैसियत से पैसा लिया. जबकि कर वसूली करना तहसीलदार का काम है.जमादार ने आखिर किस हैसियत से पैसा लिया.
इस मामले में जमादार के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. साथ ही उन्होंने सभी दुकानदारों से आग्रह किया कि नगर निगम के नाम पर किसी भी कर्मी को इस तरह का पैसा न दें. जो भी पैसा जमा करना है, वह कार्यालय में आकर करें और रसीद जरूर ले ले.
निगम सूत्रों का कहना है कि सफाई जमादार शेरान खान पूर्व में भी आलू व्यवसायी से 40 रुपये टैक्स के रूप में लिया था. इस मामले में उसे निलंबित किया गया था. 20 हजार रुपये जमा करने के बाद उसका निलंबन वापस हुआ.अभी भी उसके पास निगम का 20 हजार रुपया बकाया है. बताया जाता है कि इस मामले को लेकर कार्यपालक पदाधिकारी काफी गंभीर है. उनका कहना है कि राजस्व वसूली के नाम पर इस तरह के धंधे को कभी भी पनपने नहीं दिया जायेगा.
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