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जाधव पर पहली बार बोला पाकिस्तान, इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस के अंतिम फैसले तक सुरक्षित है कुलभूषण जाधव

नयी दिल्लीः भारत के पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव के परिजनों के लिए पाकिस्तान से एक अच्छी खबर आयी है. पाकिस्तान ने कहा है कि जब तक इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस का अंतिम फैसला नहीं आ जाता, कुलभूषण जाधव पाकिस्तान में सुरक्षित है. यह पहला मौका है, जब पाकिस्तान ने कुलभूषण मामले पर कोई स्पष्ट […]

नयी दिल्लीः भारत के पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव के परिजनों के लिए पाकिस्तान से एक अच्छी खबर आयी है. पाकिस्तान ने कहा है कि जब तक इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस का अंतिम फैसला नहीं आ जाता, कुलभूषण जाधव पाकिस्तान में सुरक्षित है. यह पहला मौका है, जब पाकिस्तान ने कुलभूषण मामले पर कोई स्पष्ट टिप्पणी की है.

पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव के सुरक्षित होने को लेकर लग रही तमाम अटकलों और भारत की चिंताओं के बीच रविवार को भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने संकेत दिये कि जाधव सुरक्षित हैं और इस मामले में पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले का पालन करेगा. जाधव को तब तक फांसी नहीं दी जायेगी, जब तक कि कोर्ट का आखिरी फैसला नहीं आ जाता.

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एक अंगरेजी अखबार से बातचीत में बासित ने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कानूनों को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह यह बात सिर्फ कोर्ट के अस्थायी आदेश के संदर्भ में कह रहे हैं, जिसके मुताबिक जाधव की फांसी पर रोक लगायी गयी है. इसका केस के मेरिट पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

बासित ने कहा, ‘कोर्ट ने काउंसलर एक्सेस को लेकर कुछ ऐसा नहीं कहा है, जिसे अंतिम माना जाये. इन सभी बातों का फैसला कोर्ट के आखिरी आदेश में होगा.’ बासित ने साथ ही यह भी कहा कि इस बात में कोई शक नहीं कि पाकिस्तान जाधव के मामले में अपने कानूनों के मुताबिक ही कार्रवाई करेगा.

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पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने कहा, ‘कोई देश अपनी सुरक्षा से जुड़े मुद्दों से समझौता नहीं करता. जाधव को जासूसी और आतंकवाद फैलाने का दोषी पाया गया है. वह कोई साधारण नागरिक नहीं है, वह भारतीय नौसेना का अधिकारी है.’

दूसरी तरफ, बासित ने यह भी कहा कि इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस का फैसला पाकिस्तान के लिए ज्यादा मायने नहीं रखता, क्योंकि जाधव के पास अपील करने के लिए 150 दिन हैं. ज्ञात हो कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ भारत की ओर से की गयी अपील खारिज हो जाती है और जाधव की फांसी की सजा बरकरार रहती है, तब भी जाधव के पास पाकिस्तान के सेना प्रमुख के सामने दया याचिका दायर करने के लिए 60 दिनों का वक्त होगा.

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अगर सेना प्रमुख भी उसकी अर्जी खारिज कर देते हैं, तो जाधव पाकिस्तान के राष्ट्रपति के समक्ष अपनी फांसी की सजा पर रोक लगाने के लिए दया याचिका दायर कर सकते हैं.

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