बिहारशरीफ : देश के सौ स्मार्ट सिटी की सूची में बिहारशरीफ शहर को शामिल होने के बाद शहरवासी बेहतर शहर और भविष्य की कल्पना करने लगे थे. देखते-देखते तीन साल बीत गये, लेकिन सपना अब तक पूरा नहीं हुआ. लोगों के सपने को साकार करने के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के गठन एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट की नियुक्ति को भी काफी समय बीत गये हैं.
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स्मार्ट सिटी की उम्मीदों में बीत गये तीन साल, पर नहीं हुई एक भी बड़ी निविदा
बिहारशरीफ : देश के सौ स्मार्ट सिटी की सूची में बिहारशरीफ शहर को शामिल होने के बाद शहरवासी बेहतर शहर और भविष्य की कल्पना करने लगे थे. देखते-देखते तीन साल बीत गये, लेकिन सपना अब तक पूरा नहीं हुआ. लोगों के सपने को साकार करने के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के गठन एवं […]
शहर को स्मार्ट सिटी में तब्दील करने की बात तो दूर कंपनी अपने लिए एक कार्यालय तक का निर्माण नहीं करा सका है. कंपनी के अधिकारियों तक की बहाली भी अब तक नहीं हो पायी है.
स्मार्ट सिटी के किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा करना तो दूर एक कोई बड़ी निविदा फाइनल नहीं हुई है. बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी के लिये 1517 करोड़ रुपये की प्रथम किस्त के रूप में मिले हैं. पहली किस्त के रुपये मिले हुए काफी समय बीत चुके हैं. स्मार्ट सिटी की पहली किस्त की राशि को तीन वर्षों में खत्म करना था. इस समयसीमा को एक वर्ष के लिए और बढ़ा दिया गया है. बढ़ायी गयी समयसीमा की भी आधी अवधि करीब-करीब बीत चुकी है.
एक भी बड़ी परियोजना पर काम शुरू नहीं हुआ है. कुछ मोटी योजनाओं का काम किया गया है. तालाब सौंदर्यीकरण, सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाने, पार्कों का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इन छोटी-मोटी योजनाओं के काम से शहर की सेहत में कोई विशेष बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है. इसके कारण शहरवासियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है.
लोगों में बढ़ती जा रही है नाराजगी
बिहारशरीफ शहर को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए चयन की घोषणा होने से बड़ी खुशी हुई थी. लगा था कि अब जल्द ही हमारा शहर स्मार्ट हो जायेगा. समय बीतने के साथ निराशा बढ़ती जा रही है.
लक्ष्मण भारती, व्यवसायी
अपने शहर को स्मार्ट सिटी में शामिल होने के मौके पर अधिकारियों ने काफी सब्जबाग दिखाये थे. इतने दिनों बाद पैसा रहते हुए भी काम नहीं होने से लोग ठगा-सा महसूस कर रहे हैं.
अनिल शर्मा, संगीत शिक्षक
जब भी स्मार्ट सिटी की बैठकें होती हैं, बड़े-बड़े दावे कामों को लेकर किये जाते हैं. फिर अगली बैठक में वही बात कही जाती है, आखिर काम आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहा, इसे बताने वाला कोई नहीं है.
सुनील कुमार, व्यवसायी
शहरी अराजकता, बढ़ता ट्रैफिक, बिजली की कटौती, पानी की कमी, सुरक्षित आवागमन, खस्ताहाल स्कूल आदि समस्याओं से निजात के लिए हर शहरवासी को स्मार्ट सिटी का इंतजार है.
खुशबू कुमारी, जीएनएम
कई प्रोजेक्टों की निविदा स्वीकृति के लिए पड़ी है मुख्यालय में
स्मार्ट सिटी की योजनाओं पर काम हो रहा है. जैसे-जैसे टेंडर फाइनल हो रहा है, काम हो रहा है. कई प्रोजेक्टों की निविदा मुख्यालय में स्वीकृति के लिए पड़ी हुई है. करीब 719.42 करोड़ की निविदा तैयार है. आने वाले दिनों में कई योजनाओं का काम शुरू होने की उम्मीद है. इन योजनाओं के क्रियान्वयन से शहरवासियों को लाभ होगा.
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