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नगर निगम के जलापूर्ति केंद्रों पर निर्भर होते जा रहे हैं शहरवासी

बिहारशरीफ : गर्मी के मौसम की शुरुआत से ही जिले में पेयजल का संकट गंभीर होता जा रहा है. शहर से लेकर गांव तक पेयजल संकट गहराता जा रहा है. शहर की स्थिति दिन व दिन गंभीर होती जा रही है. शहरी क्षेत्र में नगर निगम के जलापूर्ति केंद्रों के साथ-साथ बड़ी संख्या में निजी […]

बिहारशरीफ : गर्मी के मौसम की शुरुआत से ही जिले में पेयजल का संकट गंभीर होता जा रहा है. शहर से लेकर गांव तक पेयजल संकट गहराता जा रहा है. शहर की स्थिति दिन व दिन गंभीर होती जा रही है.

शहरी क्षेत्र में नगर निगम के जलापूर्ति केंद्रों के साथ-साथ बड़ी संख्या में निजी बोरिंग भी है. नगर निगम की खस्ताहाल जलापूर्ति व्यवस्था को देखते हुए संपन्न परिवार के लोग पेयजल के लिये बोरिंग कराये हुए हैं.
शहर में 37 पुराने जलापूर्ति केंद्र हैं, जबकि एक दर्जन से अधिक नये जलापूर्ति केंद्र बनाये गये हैं. इसके अलावा एक अनुमान के अनुसार शहर में करीब पांच हजार से अधिक निजी बोरिंग भी संचालित है. इसके बावजूद शहर की करीब दो लाख 75 हजार की आबादी की प्यास नहीं बूझ पा रही है. लोग अभी से पानी के लिए छटपटाने लगे हैं.
12 मोहल्लों में टैंकर से हो रही जल की आपूर्ति
शहर के कई मोहल्लों में नगर निगम द्वारा पेयजल की आपूर्ति की जा रही है. शहर के नयीसराय, कमरूद्दीनगंज, कासी तकिया, खंचिया गली, चूड़ीचक, मोहद्दीनगर, मीरगंज, थवई मोहल्ला, खासगंज, पीर विगहा, मीरदाद व नालंदा कॉलोनी में नगर निगम द्वारा टैंकर के माध्यम से पानी भेजा जा रहा है.
भू-जल स्तर के खिसकने से सूख रही निजी बोरिंग
पिछले कई वर्षों से पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं होने से जिले में तेजी से भू-जल स्तर खिसकने लगा है. शहर से लेकर गांव तक यही स्थिति है. इसका सबसे बड़ा असर यह हो रहा है कि निजी बोरिंग तेजी से फेल हो रहे हैं.
शिवपुरी मोहल्ले के शिक्षक संजय कुमार व सेवानिवृत्त वीएलडब्ल्यू एस प्रसाद ने बताया कि उनके घरों में 130 फुट गहरी निजी बोरिंग थी, जो काम नहीं कर रही है.
इसी प्रकार कुशवाहा कॉलोनी रामचंद्रपुर के जे प्रसाद ने बताया कि उनकी 120 फुट गहरी बोरिंग फेल होने के कगार पर पहुंच गयी है. रात्रि के समय पानी जमा होने पर सुबह में थोड़ी देर उनकी बोरिंग चलती है, मगर इसके बाद नहीं चलती है. इसी प्रकार शहर के अन्य मोहल्लों की भी यही स्थिति है.

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