भभुआ : ‘पाकिस्तान लगातार अमानवीय तरीके से हमारे देश के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. हमारे सैनिक शहीद हो रहे हैं. आये दिन हमारे लोगों की जानें जा रही हैं. यह सब कब तक चलेगा? अगर इस बार भी पाक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो मैं अपने बेटे को फौज में नहीं जाने दूंगी.’ बेहद तल्ख अंदाज में ये बातें कहते हुए शहीद राकेश सिंह की पत्नी किरण देवी ने कहीं.
राकेश कैमूर जिले के नुआंव प्रखंड स्थित बड्ढा गांव के रहनेवाले थे. मंगलवार को कैप्टन एसके पांडेय के नेतृत्व में 39 जीटीसी, वाराणसी, के जवान शहादत प्राप्त राकेश का शव लेकर नुआंव स्थित उनके गांव पहुंचे थे.
विगत 16 तारीख को अंतिम बार हुई थी बात
गांव में पति का शव पहुंचने पर शहीद सैनिक राकेश के निधन से मर्माहत उनकी पत्नी किरण बीच-बीच में खुद को संभालने की मजबूत कोशिश कर रही थीं. उन्होंने कहा कि विगत 16 तारीख को उनसे अंतिम बार उनकी बात हुई थी.
2012 में हुई थी राकेश की शादी
2008 से ही फौज में शामिल राकेश से किरण की शादी 2012 में हुई थी. इनका डेढ़ वर्ष का बेटा है.
कइसन अभागा बाप बानी हम!
‘अरे बाप रे बाप, हमरा खातिर ऊपरवाला के नजर कइसन हो गइल बा हो दादा? बुझाते नइखे कि भगवान कब के गलती के सजा देत बाड़न! हम कइसन अभागा बाप बानी! जब हमारा चार गो बेटा के कंधा मिले के चाहीं, तब हमहीं बेटा के कंधा दे तानी!’ शहीद सैनिक राकेश के पिता हरिहर प्रसाद कुशवाहा बेटे के शव को देख-देख बुरी तरह विलाप कर रहे थे.