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जंक्शन से क्लोन के साथ तीन एटीएम हैकर्स गिरफ्तार, कार्ड व लैपटॉप बरामद

गया : गया रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने शनिवार की देर रात जंक्शन के बाहरी परिसर में स्थित पंजाब नेशनल बैंक की एटीएम के पास से तीन एटीएम हैकर्स को एक क्लोन के साथ गिरफ्तार किया. गिरफ्तार युवकों के पास से एटीएम कार्ड स्वैप करनेवाले एक्सटर्नल क्लोन, 40 हजार रुपये नगद, तीन मोबाइल फोन, एक […]

गया : गया रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने शनिवार की देर रात जंक्शन के बाहरी परिसर में स्थित पंजाब नेशनल बैंक की एटीएम के पास से तीन एटीएम हैकर्स को एक क्लोन के साथ गिरफ्तार किया. गिरफ्तार युवकों के पास से एटीएम कार्ड स्वैप करनेवाले एक्सटर्नल क्लोन, 40 हजार रुपये नगद, तीन मोबाइल फोन, एक लैपटॉप व दो एटीएम कार्ड बरामद किये गये हैं. बरामद एटीएम कार्डों में एक सुषमा कुमारी व एक सर्जन मांझी के नाम से है.

आरपीएफ निरीक्षक एएस सिद्दीकी ने रविवार को प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि क्लोन के सहारे दूसरों से एटीएम कार्ड देखने के नाम पर उक्त अपराधी क्लोन में डाटा स्टोरेज कर लेते हैं, जिसके आधार पर रुपये की निकासी हो जाती है. आरपीएफ निरीक्षक ने बताया कि शनिवार की देर रात जंक्शन परिसर में स्थित पीएनबी की एटीएम से एक युवक द्वारा रुपये की निकासी की जा रही थी.
वहीं, दो युवक बाहर खड़े थे. ड्यूटी कर रहे आरपीएफ के जवानों ने शक के आधार पर पूछताछ की. इस दौरान एटीएम कार्ड का डिटेल नहीं बताने पर तीनों को हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने बताया कि बाद में पूछताछ के दौरान गिरफ्तार युवकों ने अपना अपराध कबूलते हुए बताया कि वे एटीएम से फर्जी निकासी करते हैं. गिरफ्तार अपराधियों में पिंटू कुमार व मुकेश कुमार गया जिले के टनकुप्पा थाना क्षेत्र स्थित खबड़ा गांव के रहनेवाले हैं.
वहीं, तीसरा युवक विनोद कुमार फतेहपुर थाना क्षेत्र के चौंडी गांव का निवासी है. उन्होंने बताया कि मुकेश कुमार मुंबई के एक बीयर बार में काम करता था. वहीं से बीयर बार के ग्राहकों के एटीएम कार्ड से चुराया गया डाटा भेजता था. पितृपक्ष मेले में अधिक कमाने के लालच में वह बीयर बार की नौकरी छोड़ कर मुंबई से गया आया था.
उन्होंने बताया कि इन अपराधियों के विरुद्ध आरपीएफ पोस्ट में कागजी प्रक्रिया करने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए रेल पुलिस को सौंप दिया गया. इधर, रेल थानाध्यक्ष कमल किशोर सिंह ने बताया कि उक्त एटीएम हैकर्स के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 379, 411 व 34 के तहत रेल थाना में कांड संख्या 357/19 में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
टनकुप्पा, वजीरगंज व फतेहपुर रहा है हब
गया जिले का वजीरगंज, टनकुप्पा व फतेहपुर साइबर क्राइम का हब रहा है. यहां के साइबर अपराधी देश के कोने-कोने में अपना जाल फैलाये हुए हैं. दूसरे राज्य जैसे मुंबई, कोलकाता और दिल्ली आदि में साइबर क्राइम के जुर्म में यहां से जुड़े युवक पकड़े जा चुके हैं. जिले के लगभग थानों में हर दिन एटीएम से पैसों की फर्जी निकासी करने की शिकायत दर्ज करायी ही जाती है. इन थाना क्षेत्रों के विभिन्न गांवों से जुड़े युवक को पुलिस कई मामलों में पकड़ चुकी है.
ऐसे करते हैं फर्जीवाड़ा
पिछले दिनों गया में पकड़ाये एटीएम से फर्जीवाड़ा करनेवालों ने पुलिस के समक्ष कबूल किया था कि उनके कई ग्रुप विभिन्न शहरों में घूमते रहते हैं. एटीएम से पैसा निकालने में दिक्कत आने पर लोगों से मदद के नाम उनका एटीएम कार्ड लेते हैं और उसे एक्सटर्नल क्लोन में स्वैप करते हैं.
बाद में इस डाटा को लैपटॉप के सहारे किसी दूसरे एटीएम कार्ड पर अपलोड कर लेते हैं और फर्जी एटीएम के सहारे उससे पैसे की निकासी करते हैं. आज-कल एटीएम से पैसे निकासी के मामले विभिन्न थानों में लगातार आ रहे हैं. कुछ मामले ऐसे भी आये, जिनमें पीड़ितों ने किसी को अपना एटीएम कार्ड नहीं दिया और उनके पैसे निकल गये.
इस तरह के एक मामले में कोतवाली थाने में बैंक के प्रबंधक पर ही केस दर्ज किया गया था. पहले की घटना देखी जाये, तो चौक, स्टेशन व मेडिकल रोड में एटीएम से अधिक पैसे निकालने की घटना हुई है.
साइबर क्राइम के लिए तैयार हो रही वेबसाइट
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी श्री जेएस गंगवार ने बताया कि केंद्र सरकार साइबर क्राइम की शिकायत के लिए एक नेशनल वेबसाइट (साइबर कोऑर्डिनेशन जीओवी डॉट इन) तैयार कर रही है. इस वेबसाइट पर देश के किसी भी हिस्से से शिकायत की जा सकेगी. शिकायत करने के बाद उस शिकायत को संबंधित साइबर सेल में ट्रांसफर कर दिया जायेगा. इसके बाद वहां का साइबर सेल शिकायतों पर कार्रवाई करेगा.
कार्ड स्लॉट पर लगा देते हैं क्लोनिंग डिवाइस
साइबर अपराधी एटीएम कार्ड के क्लोन बनानेवाली मशीन के कार्ड स्लॉट पर क्लाेनिंग डिवाइस लगा देते हैं. यह डिवाइस एटीएम कार्ड की मैग्नेटिक स्ट्रिप को रीड कर लेती है और इसकी कोडिंग अन्य किसी कार्ड पर उपयोग कर एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर लिया जाता है.
कार्ड क्लोन से ठगे जानेवाले अधिकतर लोग मध्यमवर्गीय परिवारों के हैं, जिनके लिए एक-एक रुपये की बड़ी कीमत होती है. अपने धन को दोबारा पाने के लिए थाने से लेकर बैंक तक चक्कर काटने से अच्छा है कि थोड़ी-सी सजगता बरतते हुए एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करें. साइबर क्राइम के आंकड़े बताते हैं कि एटीएम कार्ड क्लोनिंग के अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं.
कार्ड क्लोनिंग के शातिराना तरीके
मशीन में एटीएम कार्ड वाली जगह पर स्कैनर लगा देते हैं.
स्कैनर मशीन में फिट हो जाता है जिसे कोई नहीं पकड़ सकता.
स्कैनर की मदद से ब्लैंक एटीएम कार्ड को क्लोन में बदल दिया जाता है.
क्लोन बनाने के बाद पैसे की निकासी देर रात में की जाती है.
एटीएम कार्ड का उपयोग करने के दौरान ऐसे बरतें सावधानी
एटीएम के स्टार्ट में कार्ड डालने से पहले स्लॉट को एक बार हाथ से चेक कर लेना चाहिए, उसमें चिपचिपा पदार्थ लगा हो या कोई इंस्ट्रूमेंट हो तो उसका उपयोग न करें.
एटीएम के की-पैड पर अगर कोई आलपिन या माचिस की तीली लगायी गयी हो, तो उसका भी उपयोग नहीं करना चाहिए.
एटीएम का उपयोग करते समय कोई अनजान आपके साथ न हो, किसी को अपना कार्ड भी न दें.

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