सीमावर्ती राज्यों की करीब 60 बसों का ठहराव होता है पालिका परिवहन पड़ाव में
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बसों के आवागमन कम होने से पड़ाव में पसरा सन्नाटा
सीमावर्ती राज्यों की करीब 60 बसों का ठहराव होता है पालिका परिवहन पड़ाव में चुनाव कार्य में बसों के पकड़े जाने के कारण बनी है यह स्थिति बसों के अभाव में टेपों चालक पर यात्रियों से मनमाना किराया वसूलने का आरोप गढ़वा : आये दिन अंतर्राज्यीय वाहनों के ठहराव से गुलजार रहनेवाला गढ़वा का पालिका […]
चुनाव कार्य में बसों के पकड़े जाने के कारण बनी है यह स्थिति
बसों के अभाव में टेपों चालक पर यात्रियों से मनमाना किराया वसूलने का आरोप
गढ़वा : आये दिन अंतर्राज्यीय वाहनों के ठहराव से गुलजार रहनेवाला गढ़वा का पालिका परिवहन पड़ाव में इस समय पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. इसका कारण सभी बसों का प्रशासन द्वारा चुनाव कार्य के लिये पकड़ लिया जाना है. इसके कारण यात्रियों को चुनाव से एक सप्ताह पूर्व से ही आवागमन में भारी कठिनाई झेलनी पड़ रही है.
वाहनों के परिचालन नहीं होने से यहां न तो यात्री का ठहराव भी घट रहा है. इसका असर स्थानीय दुकानदारों पर भी पड़ा है. यात्रियों के नहीं रहने के कारण कई होटल एवं ठेलेवालों को दुकान बंद करना पड़ रहा है. विदित हो कि गढ़वा जिला की सीमा छतीसगढ़, उतर प्रदेश एवं बिहार तीन राज्यों से मिला हुआ है. इसके कारण जिला मुख्यालय स्थित गढ़वा का पालिका परिवहन पड़ाव में इन तीनों प्रदेशों से आने-जानेवाली बसों के अलावा रांची अथवा झारखंड प्रदेश के विभिन्न शहरों के लिये भी बसों का भी यहां ठहराव होता है.
करीब 60 की संख्या में यहां दिन-रात मिलाकर बसों का आवागमन होता है. इसलिये यहां आने से छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश एवं बिहार सहित अन्य क्षेत्रों के लिए भी बस की सुविधा यात्रियों को मिल जाती थी. इसके कारण इस बस पड़ाव पर हमेशा यात्रियों की गहमा गहमी बनी रहती है. बसों के परिचालन नहीं रहने से इन यात्रियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. बस नहीं होने से जहां यात्री लंबी दूरी की यात्रा नहीं कर पा रहे हैं, वहीं आसपास के जगहों के लिये मजबूरन वे टेंपो का सहारा ले रहे हैं.
यात्रियों की इस मजबूरी का टेंपो चालक खूब लाभ उठा रहे हैं. टेंपो चालक द्वारा इस समय मनमाना भाड़ा लेकर यात्री को बैठाया जा रहा है. मंगलवार को गढ़वा बस पड़ाव में बस पकड़ने आये यात्रियों ने बताया कि गढ़वा से रामानुजगंज जाने के लिए टेंपो चालक 60 रुपये की जगह 100 रुपया भाड़ा लिया जा रहा है. वहीं टेंपो चालक रंका जाने वाले यात्रियों से 20 रुपये की जगह 50 रुपये और रेहला जाने के लिये 15 रुपये की जगह 30 से 40 रुपये भाड़े वसूल कर रहे हैं.
रात्रि में तो और अधिक भाड़ा लिया जा रहा है. इतना अधिक भाड़ा लिये जाने पर टेंपो चालक से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि कुछ रंगदार लोग जबरन उन लोगों से प्रति ड्रीप 200 रुपये वसूल करते हैं. नहीं देने पर गाली-गलौज व मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं. टेंपो में बैठे सवारी से जबरन किराया वसूल कर उसमें से 200 रुपये स्वयं अपना पास रख ले लेता हैं. बाकी पैसा टेंपो चालक को लौटा देते हैं. अंतत: इसका सभी गाज यात्रियों पर ही गिरती है. इसके कारण यात्री परेशान हैं. लोकसभा चुनाव कार्य संपन्न होने तक बस पड़ाव में यही स्थिति बने रहने की संभावना है.
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