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दुमका : फर्म हजारीबाग का, धनबाद की बाइक से की मिट्टी खुदाई

आनंद जायसवाल दुमका : भूमि संरक्षण विभाग से दुमका में तालाब निर्माण की योजनाओं में अनियमितता की खबर प्रभात खबर में विस्तार से सामने आने के बाद परत-दर-परत गड़बड़ी की पोल खुल रही है. स्टार अर्थ मूवर्स नाम की हजारीबाग के एक फर्म का बिल रामगढ़ प्रखंड के लखनपुर पंचायत में तालाब के मिट्टी कटाई […]

आनंद जायसवाल
दुमका : भूमि संरक्षण विभाग से दुमका में तालाब निर्माण की योजनाओं में अनियमितता की खबर प्रभात खबर में विस्तार से सामने आने के बाद परत-दर-परत गड़बड़ी की पोल खुल रही है.
स्टार अर्थ मूवर्स नाम की हजारीबाग के एक फर्म का बिल रामगढ़ प्रखंड के लखनपुर पंचायत में तालाब के मिट्टी कटाई के लिये दिया गया है. इसमें 474 घंटे जेसीबी संचालन के लिए 800 रुपये की दर से 3,79,200 रुपये का जिक्र है. गाड़ी का नंबर जेएच 10 यू 7744 अंकित है. परिवहन से संबंधित एम-पोर्टल में इस नंबर की गाड़ी कोई जेसीबी या पोकलेन नहीं, बल्कि धनबाद के हराधन बाउरी की बाइक बतायी जा रही है. जो 8 साल 9 महीने पुरानी है.
दे दिया सादा वाउचर: जामा की इसी योजना में श्याम बाजार बौंसी के पंकज कुमार निराला नाम के सरकारी कंट्रेक्टर व आर्डर सप्लायर का लेटर पैड भी लगा है. संभवत: कागजी तौर पर उनकी भी किसी गाड़ी ने खुदाई की होगी या मिट्टी ढुलाई की होगी, जिसके लिए सादा वाउचर ही संचिका में लगा दिया गया है.
इसमें भी अध्यक्ष जयप्रकाश मंडल व सचिव लखन मिर्धा के हस्ताक्षर-मुहर हैं. इस लेटर पेड में पंकज कुमार निराला के हस्ताक्षर भी हैं. ऐसे में उनके नाम पर भुगतान भी किया गया होगा, यह भी जांच का विषय है. इधर सुखबारी में जुलूस अंसारी के जेसीबी ने 300 घंटे की खुदाई की, जिसके एवज में उनका 2.40 लाख रुपये का वाउचर इस योजना की संचिका में लगाया गया है.
इस संचिका में सचिव राजेश सोरेन का तो हस्ताक्षर है, पर अध्यक्ष का केवल मुहर ही लगा हुआ है. सुखबारी में ही न्यू टावर कंस्ट्रक्शन के जेसीबी का भी वाउचर है, जिसपर 447 घंटा के लिए 357600 रुपये अंकित है. इन दोनों ही बिल में गाड़ी का नंबर अंकित नहीं है.
92 योजनाओं का अभिलेख हमारे हाथ में आया है. औसतन एक योजना 18-20 लाख रुपये की है. प्रारंभिक जांच में गंभीर गड़बड़ी दिखी है. जो गाड़ियां उपयोग में दिखायी गयी हैं, उनका और उनके वास्तविक मॉडल में अंतर है. जांच प्रतिवेदन आयेगा तो पता चल पायेगा कि कितने की गड़बड़ी हुई है. जरूरत पड़ी, तो बड़ी एजेंसी से भी जांच करायी जायेगी.
राकेश कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी, दुमका
4.70 लाख रुपये के बिल में न डेट-न नंबर
जामा प्रखंड में सरसाबाद पंचायत के दलदली में एक योजना में जहां पोकलेन से खुदाई की गयी है, उसके लिए प्रति घंटे की दर से भुगतान 1800 रुपये का दिखाया गया है.
हालांकि बरही के जिस सचिन कुमार के इस लेटर पैड को बिल बताया गया है, उसमें यह तक नहीं लिखा गया है कि सचिन कुमार के किस नंबर के पोकलेन वाहन ने तालाब जीर्णोद्धार कार्य में मिट्टी की 232 घंटे तक खुदाई की. जिसके लिए 1800 रुपये की दर से उन्हें चार लाख सतरह हजार 600 रुपये का भुगतान दर्शाया गया है. सचिन कुमार के इस लेटर पैड में न तो पत्रांक या बिल नंबर है, न ही कोई दिनांक ही अंकित है. इसमें पानी पंचायत दलदली के अध्यक्ष जयप्रकाश मंडल और लखन मिर्धा के इसमे हस्ताक्षर भी हैं. जिनके मुहर व हस्ताक्षर भी इसमें दिख रहे हैं.
दुमका : 100 में से 25 योजनाओं की हुई जांच, गड़बड़ी की पुष्टि
शकील अख्तर
रांची : दुमका जिले में तालाब जीर्णोद्धार को अंजाम देनेवालों ने बाइक, कार और टेंपो से मिट्टी काटने और ढोने के कारनामे को अंजाम दिया है. जिले के सभी 10 प्रखंडों में तालाब जीर्णोद्धार की योजनाओं की नमूना जांच के दौरान इस बात के सबूत मिले हैं.
एक तालाब के जीर्णोद्धार पर औसतन 20 लाख रुपये तक का खर्च दिखाया गया है. तालाब जीर्णोद्धार की 100 में से करीब 25 योजनाओं की जांच पूरा हो चुकी है. इन योजनाओं में मिट्टी काटने से ढोने तक के लिए कुल 70 गाड़ियों का बार बार इस्तेमाल किया गया है. इसमें मोटरसाइकिल, जीप, कार, स्कूटर और मिनी बस के साथ ही अस्तित्व विहीन गाड़ियों भी शामिल हैं.
2000 तालाबों के जीर्णोद्धार की थी योजना : सरकार ने 2016-17 में 2000 तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना स्वीकृत की थी. इस क्रम में विभागीय सचिव और मंत्री के बीच योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया तय करने के मुद्दे पर मतभेद हुआ था. हंगामे के बाद योजनाओं के चयन के लिए जिले के उपायुक्तों की अध्यक्षता में समिति बनाने का फैसला हुआ था.
साथ ही विधायकों की अनुशंसा पर भी तालाबों का जीर्णोद्धार करने का फैसला किया गया था. वित्तीय वर्ष के अंत तक खर्च नहीं होनेवाली राशि को निकाल पर पीएल अकाउंट में रख दिया गया था. दूसरे वित्तीय वर्ष में पीएल अकाउंट के पैसों से योजनाओं को पूरा दिखाया गया है.
अस्तित्वहीन गाड़ियों का इस्तेमाल : तालाब जीर्णोद्धार में काटी गयी मिट्टी को ढोने के लिए अस्तित्वहीन गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया है. इन गाड़ियों को ट्रैक्टर बताते हुए यह कहा गया है कि इनके मालिकों ने संबंधित ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया है. हालांकि अब तक रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं मिला है.
जिन लोगों के नाम पर ऐसे ट्रैक्टरों से मिट्टी ढुलाई दिखा कर भुगतान किया गया है, उसमें अनिल कुमार राउत, बासो शेख, बबलू यादव, जीवन प्रसाद मंडल, सुबोध कुमार यादव, मतीन अंसारी, रेवती रंजन सिंह, देवनारायण राणा, प्रमोद यादव, विष्णु कपारी सहित अन्य शामिल हैं.
कार से काटी गयी तालाबों की मिट्टी : तालाब जीर्णोद्धार में जिन बाइकों को ट्रैक्टर बता कर भुगतान लिया गया है, उनमें जेएच 04सी-1931, जेएच 17जी-7597, जेएच 15सी-1812,जेएच04जे-2895, जेएच 17ई-3164 सहित अन्य नंबर शामिल हैं.
तालाब जीर्णोद्धार में मिट्टी काटने के लिए दिखाया गया वाहन जेएच11के-7759 टेंपो है. इसी तरह जेएच10यू 9340 नंबर की कार और जेएच10यू7744 नंबर की बाइक से भी मिट्टी काट कर तालाब को गहरा किया गया है. इस तरह मिट्टी काटने से लेकर मिट्टी ढोने तक में मोटरसाइकिल, कार, टेंपो के इस्तेमाल दिखा कर तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर सरकारी राशि का गबन किया गया है.
इस्तेमाल की गयी गाड़ियां
वाहन संख्या
अस्तित्व विहीन 30
मोटरसाइकिल 26
मिनी बस 01
कार 06
आटो रिक्शा 05
जीप 02

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