35.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

कातिल मिला, न हथियार, मामा की फरारी बनी परेशानी

रंजय सिंह हत्याकांड. 11 माह में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी पुलिस, छापेमारी व पूछताछ तक ही सीमित है अनुसंधान धनबाद : झरिया विधायक संजीव सिंह के खासमखास राजीव रंजन सिंह उर्फ रंजय सिंह हत्याकांड के 11 माह होने को हैं. पुलिस रघुकुल के समीप चाणक्य नगर गेट (जहां रंजय की हत्या हुई) से […]

रंजय सिंह हत्याकांड. 11 माह में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी पुलिस, छापेमारी व पूछताछ तक ही सीमित है अनुसंधान

धनबाद : झरिया विधायक संजीव सिंह के खासमखास राजीव रंजन सिंह उर्फ रंजय सिंह हत्याकांड के 11 माह होने को हैं. पुलिस रघुकुल के समीप चाणक्य नगर गेट (जहां रंजय की हत्या हुई) से एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पायी है. रंजय की हत्या आज भी रहस्य बनी हुई है. हत्याकांड में छापामारी व पूछताछ तक ही पुलिस का अनुसंधान सिमट गया है.
पुलिस को हत्या के कथित आरोपी नंद कुमार सिंह उर्फ रूना सिंह उर्फ बबलू सिंह उर्फ मामा का पता नहीं चल रहा है. मामा की खोज में पुलिस धनबाद ही नहीं बिहार व यूपी के कई इलाकों में छापामारी कर चुकी है. मामा के नेपाल, भूटान या मुंबई में छिपे होने की चर्चा होती रही है. हत्याकांड के एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी गवाह राजा यादव ने फोटो से मामा की पहचान की है. मामा के पीछे कौन है? रंजय की हत्या क्यों की गयी? ऐसे कई सवाल अब भी जवाब के इंतजार में हैं.
पुलिस अनुसंधान में अभी तक कुछ रिकार्ड नहीं हो सका है. रंजय की हत्या के बाद से ही मामा फरार है. मामा की फरारी पुलिस के लिए परेशानी बन गयी है.
साजिशकर्ताओं तक पहुंचना हुआ असंभव
पुलिस सूत्रों की माने तो हत्यारे की गिरफ्तारी के बिना साजिशकर्ताओं तक पहुंचना मुश्किल ही नहीं, असंभव है. प्रत्यक्षदर्शी गवाह राजा यादव ने मामा की पहचान की है, लेकिन मामा के साथ दूसरा कौन था, जिसने गोली चलायी, इसका पता नहीं चल पा रहा है. स्कैच के आधार पर भी पुलिस दूसरे शूटर तक नहीं पहुंच पा रही है. मामा का मोबाइल का स्वीच ऑफ होने से उसका कोई लोकेशन नहीं मिल रहा है. मामा से जुड़े भाजों के करीबियों से पुलिस ने पूछताछ की है, लेकिन उसका संभावित ठिकाना का पता नहीं चल रहा है. मामा को पकड़ने में पुलिस के सभी दांव खाली पड़ गये हैं. रंजय की हत्या में प्रयुक्त हथियार के बारे में भी कुछ पता नहीं चल पाया है. रंजय हत्याकांड में पुलिस पूरी तरह से मामा-भांजों के चक्कर में फंस गयी है. तकनीकी अनुसंधान से भी पुलिस को कुछ नयी जानकारी नहीं मिल पायी है. न मामा पकड़ में आया और न ही हत्या में प्रयुक्त हथियार.
रघुकुल व धैया से जुड़ा हुआ था मामा
29 जनवरी, 2017 को धनबाद शहर के व्यस्तम इलाका में मॉल के सामने हत्या को अंजाम देकर अपराधी सरेशाम भाग निकले. मामा की खोज में डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह के रघुकुल आवास और धैया में उनके मौसेरे भाई हर्ष सिंह के घर में छापामारी हो चुकी है. पुलिस कार्रवाई से स्पष्ट है कि मामा रघुकुल व धैया से जुड़ा हुआ था. विधायक संजीव सिंह को रंजय चाचा कहता था. रंजय की हत्या के दिन से ही संजीव काफी सदमे में थे. रंजय की हत्या में अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज है.
रंजय की हत्या के करीब डेढ़ महीने बाद 21 मार्च, 2017 की शाम विधायक के चचेरे भाई सह पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या कर दी गयी. नीरज के अनुज अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू ने संजीव सिंह, मनीष सिंह, महंथ पांडेय, गया सिंह व पिंटू सिंह के खिलाफ हत्या करने की प्राथमिकी दर्ज करायी.
नीरज हत्याकांड के बाद बंद है रंजय हत्याकांड का अनुसंधान
नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के बाद रंजय हत्याकांड का अनुसंधान लगभग बंद हो चुका है. नीरज हत्याकांड में पुलिस अनुसंधान में विधायक संजीव पर साजिश रचकर हत्या कराने का आरोप है. विधायक के करीबी पंकज सिंह व संतोष सिंह उर्फ नामवर सिंह पर यूपी से शूटरों को लाने, ठहराने, हथियार उपलब्ध कराने, हत्या की पूरी योजना बनाने, हत्या के बाद शूटरों को भगाने का आरोप है. हत्या मामले में पुलिस विधायक संजीव, उनके निजी बॉडीगार्ड धनजय सिंह उर्फ धनजी, अनुसेवक संजय सिंह, करीबी जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, डब्लू मिश्रा के साथ हत्या को अंजाम देने वाले शूटरों अमन सिंह, कुर्बान अली,
सतीश व चंदन के साथ मास्टर माइंड पंकज को भी गिरफ्तार कर चुकी है. नीरज का लोकेशन शूटरों को बताने वाला विनोद सिंह भी जेल में है. विधायक संजीव रांची स्थित होटवार तथा शेष सभी धनबाद जेल में बंद है. शूटरों की टीआइ परेड हो चुकी है. पंकज को छोड़ सभी के खिलाफ पुलिस चार्जशीट दे चुकी है.
रंजय की हत्या के प्रतिशोध में हुई नीरज की हत्या
पुलिस अनुसंधान में नीरज की हत्या को रंजय हत्या का प्रतिशोध भी एक कारण बताया गया है. हत्या के कारणों में नीरज की बढ़ती लोकप्रियता व पारिवारिक संपत्ति विवाद की बात भी कही जा रही है. पुलिस मुख्यालय की ओर से नीरज हत्याकांड के बाद सीआइडी एडीजी के नेतृत्व में एसआइटी गठित की गयी थी. एसआइटी ने नीरज हत्याकांड में विधायक को षडयंत्रकारी बताते हुए एडवाइजरी जारी की थी. सीआइडी एडीजी ने नीरज की हत्या को रंजय हत्याकांड का प्रतिशोध बताया था. सीआइडी ने रंजय हत्याकांड में भी मामा व उसके शार्गिदों की गिरफ्तारी की एडवाइजरी जिला पुलिस को दी थी. अब सवाल उठता है कि नीरज हत्याकांड यदि रंजय हत्याकांड का प्रतिशोध है, तो इसके पीछे कौन-कौन लोग हैं. पुलिस रंजय हत्याकांड के षडयंत्रकारियों का पता लगाने व कानूनी कार्रवाई करने में शिथिल क्यों है?
मुख्यमंत्री जनसंवाद में पहुंच चुका है मामला
रंजय की पत्नी रूनी देवी मामले की शिकायत मुख्यमंत्री जनसंवाद में कर चुकी हैं. मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश पर पुलिस ने हत्याकांड में सक्रियता बढ़ायी. बीते 30 नवंबर को आनन-फानन में पुलिस ने सोनोटेल होटल से डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह के मौसेरे भाई हर्ष सिंह को उठाकर थाना लायी और पूछताछ की. डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह उर्फ छोटे से भी पूछताछ की गयी है. एकलव्य को एक दिसंबर को थाना बुलाकर पूछताछ की गयी.
मामा के बारे में हर्ष व एकलव्य को पता नहीं : रंजय की हत्या के समय दोनों कहां था? मामा कहां था? आदि जानकारी पुलिस ने हर्ष व एकलव्य से ली है. मामा कहां है? रंजय की हत्या किसने व क्यों की? इस संबंध में हर्ष व एकलव्य से पुलिस को कोई नयी जानकारी नहीं मिली है. रंजय से पूर्व में किसी तरह का विवाद होने से भी दोनों ने इनकार किया है. पुलिस रंजय की पत्नी का भी बयान दर्ज कर चुकी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें