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हेरोइन तस्कर को सात वर्ष कैद की सजा

धनबाद: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एमपी यादव की अदालत ने सोमवार को हेरोइन तस्करी के मामले में जेल में बंद न्यू इस्लामपुर पांडरपाला, भूली निवासी गुड्डू खान को एनडीपीएस एक्ट की धारा 21 (बी) में सात वर्ष की सश्रम कैद व 70 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. अदालत ने 19 अगस्त को […]

धनबाद: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एमपी यादव की अदालत ने सोमवार को हेरोइन तस्करी के मामले में जेल में बंद न्यू इस्लामपुर पांडरपाला, भूली निवासी गुड्डू खान को एनडीपीएस एक्ट की धारा 21 (बी) में सात वर्ष की सश्रम कैद व 70 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. अदालत ने 19 अगस्त को आरोपी को दोषी करार दिया था. पांच जून को भूली ओपी प्रभारी गिरीश कुमार अंबष्टा ने गुड्डू खान के घर पर छापेमारी कर छह ग्राम हेरोइन के साथ उसे गिरफ्तार किया था.
वकीलों के पक्ष में फैसला : सिविल जज सीनियर डिवीजन षष्टम शैलेंद्र कुमार की अदालत ने टाइटल सूट 173/15 में अपना फैसला वादी अधिवक्ता पीके भट्टाचार्य व अन्य (अधिवक्ताओं) के पक्ष में सुनाया. अदालत ने वर्ष 2015 में धनबाद बार एसोसिएशन की कमेटी व दुकानदारों के बीच हुए समझौता के आधार पर गलत ढंग से अधिवक्ताओं के बैठने के चेंबर को दुकानदारों के नाम से आवंटित करने को गलत ठहराया है. अब वैसे दुकानदारों को दुकान खाली करनी पड़ सकती है. धनबाद बार एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी ने मुकदमा में प्रतिवादी की अपनी गवाही दी. उन्होंने भी वादी अधिवक्ताओं के पक्ष को सही बताया. विदित हो कि अधिवक्ता पीयूष कांति भट्टाचार्य व अन्य ने वर्ष 2015 में धनबाद बार एसोसिएशन व अन्य के खिलाफ अदालत में मुकदमा दर्ज करवा कर बार परिसर स्थित दुकानों को गलत ढंग से आवंटित करने का आरोप लगाया था.
जानलेवा हमला में धीरेंद्र को सात वर्ष की कैद : नीमतल्ला जोगता निवासी महावीर चौहान व उसके बच्चे पर जानलेवा हमला के एक मामले में सोमवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश 12 सैयद सलीम फातमी की अदालत ने जेल में बंद धीरेंद्र दुसाध को भादंवि की धारा 307 में सात वर्ष व तीन हजार रुपये, भादंवि की धारा 326 में पांच वर्ष व दो हजार रुपये, 452 में तीन साल व दो हजार रुपये, 147 व 148 में दो वर्ष की कैद की सजा सुनायी. सभी सजा एक साथ चलेंगी. घटना 23 अक्तूबर 05 को पानी भरने के सवाल पर हुई थी.
अमर बाउरी की याचिका पर सुनवाई : रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी मो उमर की अदालत द्वारा दी गयी सजा के खिलाफ सूबे के खेल मंत्री अमर कुमार बाउरी की ओर से दायर क्रिमिनल अपील याचिका पर सुनवाई सोमवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार चौधरी की अदालत में हुई. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 12 सितंबर, 17 मुकरर्र की. आठ जून, 17 को निचली अदालत ने अमर कुमार बाउरी को 174 (ए) इंडियन रेलवे एक्ट में एक हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी. जुर्माना अदा नहीं करने पर दो माह की सजा काटनी होगी. श्री बाउरी ने छह जुलाई, 17 को निर्णय के खिलाफ प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत में याचिका दायर की थी. सजायाप्ताओं ने नौ मार्च, 11 को भोजूडीह रेलवे स्टेशन के ईस्ट केबिन के पास ट्रैक जाम कर रेलवे परिचालन बाधित कर दिया था.
ढुलू महतो मामले में सुनवाई : वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाने, पुलिस की वरदी फाड़ने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले की सुनवाई सोमवार को एसडीजेएम विनोद कुमार की अदालत में हुई. अदालत में भाजपा के बाघमारा विधायक ढुलू महतो समेत कई आरोपी हाजिर थे. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 30 अगस्त, 17 निर्धारित की. 12 मई, 13 को बरोरा थानेदार आरएन चौधरी पुलिस बल के साथ कतरास थाना क्षेत्र के निचितपुर स्थित राजेश गुप्ता के आवास पर छापेमारी कर उसे पकड़े. जब पुलिस वारंटी को अपनी जीप में लेकर आगे बढ़ी, तभी ढुलू महतो अपने समर्थकों के साथ पहुंच कर उसे छुड़ा कर ले गये.
एमइसीएल के पूर्व सीएमडी का बयान दर्ज : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके पांडेय की अदालत में सोमवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में सुनवाई हुई. अदालत में साक्षी एमइसीएल के पूर्व सीएमडी डाॅ गोपाल धवन ने अपनी गवाही दी. उन्होंने अदालत को बताया कि 14 दिसंबर, 16 को उन्होंने सुरेंद्र सिंह मेवाड़, प्रोजेक्ट मैनेजर झरिया प्रोजेक्ट चीरूडीह (पुटकी) के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति दी थी. अभियोजन की ओर से सीबीआइ के लोक अभियोजक कुंदन कुमार सिन्हा ने साक्षी का मुख्य परीक्षण कराया. 29 सितंबर, 16 को सीबीआइ की टीम ने आरोपी सुरेंद्र सिंह मेवाड़ को सप्लायर शहाबुद्दीन अंसारी से उसका बिल पास करने के एवज में 13 हजार रुपये रिश्वत लेते धर दबोचा था.
फर्जी अंकपत्र बनाने वाले प्राचार्य को जेल : फर्जी अंक पत्र बनाकर पोस्टल डिपार्टमेंट में नौकरी दिलवाने के आरोपित मोनिका देवी संस्कृत हाइ स्कूल, हिलसा (नालंदा) के प्राचार्य रविशंकर प्रियदर्शी ने सोमवार को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी विनोद कुमार की अदालत में सरेंडर किया. प्राचार्य की तरफ से दायर जमानत अर्जी पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता मनोज सिन्हा ने बहस की. अभियोजन से सीबीआइ के लोक अभियोजक कुंदन कुमार सिन्हा ने जमानत का जोरदार विरोध किया. अदालत ने उभय पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. आरोपी हेडमास्टर ने रमेश कुमार दास, विधान चंद्र मंडल व ब्रजलाल चौधरी को अपने हाथों से फर्जी अंकपत्र बना कर पोस्टल डिपार्टमेंट के दुमका में जीडीएसबीपीएम के पद पर नौकरी दिलवायी थी.

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