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वर्ल्ड क्रिकेट में चमक खो रही पाक टीम

विजय बहादुर भारत ने अपने पहले ही मैच में पाकिस्तान को 164 रनों पर ढेर कर चैंपियंस ट्रॉफी-2017 में अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है. आईसीसी टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ भारत का पलड़ा हमेशा भारी रहा है. भारत अपने चिरप्रतिद्वंद्वी टीम पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा बेहतर प्रदर्शन करना चाहता है. इसीलिए दोनों देशों के […]

विजय बहादुर
भारत ने अपने पहले ही मैच में पाकिस्तान को 164 रनों पर ढेर कर चैंपियंस ट्रॉफी-2017 में अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है. आईसीसी टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ भारत का पलड़ा हमेशा भारी रहा है. भारत अपने चिरप्रतिद्वंद्वी टीम पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा बेहतर प्रदर्शन करना चाहता है. इसीलिए दोनों देशों के बीच मुकाबला बेहद रोमांचक दौर में पहुंच जाता है. लेकिन, बीते रविवार को चैंपियंस ट्रॉफी-2017 के चौथे मैच में पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने जिस तरह अपने हथियार डाल दिये और बेबस नजर आ रहे थे, वह कहीं-न-कहीं पाक क्रिकेट टीम के गिरावट की ओर इशारा कर रहा है.

1992 में पाकिस्तान ने लीजेंड इमरान खान की कप्तानी में वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया था. उस टीम में वसीम अकरम, इंजमामुल हक़, जावेद मियांदाद, सलीम मलिक, एज़ाज़ अहमद, आमिर सुहैल, मोईन खान, आकिब जावेद, मुश्ताक अहमद, रमीज राजा सलीके खिलाड़ी थे. उसके पहले और बाद के दौर में भी पाकिस्तान ने जहीर अब्बास, सरफराज नवाज़, अब्दुल कादिर, सक़लैन मुश्ताक, वकार यूनुस, शोएब अख्तर, शाहिद अफरीदी, मुहम्मद यूनुस (यूनुस योहाना), यूनुस खान, मिस्बाहुल हक़ जैसे कितने बेहतरीन खिलाड़ी वर्ल्ड क्रिकेट को दिये हैं.

तेज गेंदबाजी में भी पाकिस्तान के पास हर दौर में दुनिया के सबसे बेहतरीन गेंदबाज रहे हैं. कहा जाता है रिवर्स स्विंग का सबसे पहले ईजाद सरफ़राज़ नवाज ने किया था. एक इंटरव्यू में कपिलदेव ने कहा था कि हमलोग नयी गेंद से गेंदबाजी कर काफी खुश होते थे और कोशिश करते थे कि गेंद की चमक लंबे समय तक बरकरार रहे, जबकि पाकिस्तानी गेंदबाज गेंद के पुराने होने का इंतजार करते थे, ताकि गेंद को रिवर्स स्विंग कराया जा सके. वसीम अकरम की स्विंग, वकार यूनुस का यॉर्कर, शोएब अख्तर की स्पीड, अब्दुल कादिर, सकलैन मुश्ताक की फिरकी किसी भी बल्लेबाज की पेशानी में बल पैदा कर देता था. किसी भी परिस्थिति में पाकिस्तान की टीम दुनिया के किसी भी देश की टीम को टक्कर देने की क्षमता रखती थी. पाकिस्तान को क्रिकेट की प्रतिभा का खान भी कहा जाता था.

2009 में पाकिस्तान ने शाहिद अफरीदी के नेतृत्व में वर्ल्ड कप 20-20 जीता. लेकिन, 2007 में कोच बॉब वूल्मर और 2010 में सट्टा विवाद ने पाकिस्तानी क्रिकेट की छवि को बहुत नुकसान पहुंचाया. सलमान बट्ट, मोहम्मद आमेर, मोहम्मद आसिफ जैसे खिलाड़ियों को क्रिकेट से पांच साल के लिए बैन कर दिया गया. कई खिलाड़ियों को जेल भी जाना पड़ा.

वहीं दूसरी ओर, आतंकवाद के कारण सुरक्षा कारणों से विदेशी टीमों ने पाकिस्तान का दौरा करना बंद कर दिया. भारत में आयोजित होनेवाले आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. चयन समिति में भी खिलाड़ियों की जगह नौकरशाहों की बहाली, उनके द्वारा खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी और जूनियर लेवल से ही नये खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में गिरावट दिखने लगी है. इन सभी कारणों से पाकिस्तान में क्रिकेट की नयी पौध में गिरावट आ गयी है.

टीम के अंदर आपसी विवाद ने भी टीम के प्रदर्शन बहुत हद तक प्रभावित किया है. अनुशासन का भी अभाव पाकिस्तान की टीम की पुरानी बीमारी रही है. कहा भी जाता है कि पाकिस्तान की टीम जब भी एक टीम के रूप में खेली है, उसे हराना मुश्किल रहा है. बड़े खिलड़ियों की आपसी गुटबंदी का पाकिस्तानी टीम को भी नुकसान उठाना पड़ा है. विवाद इमरान-मियांदाद के बीच हो या अकरम-वकार के बीच या फिर अफरीदी-शोएब के बीच हो. लेकिन, प्रतिभा ने टीम के स्तर को एक हद से नीचे नहीं आने दिया.

2010 के बाद इक्का-दुक्का प्रदर्शन के बावजूद पाकिस्तान के नये खिलाड़ियों के प्रदर्शन में भी निरंतरता का अभाव रहा है. बीच में जरूर टेस्ट क्रिकेट में पाक क्रिकेट में मिसबाहुल हक़ के नेतृत्व में आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक की टीम कुछ समय के लिए बन गयी थी. लेकिन, जो पाकिस्तानी टीम किसी समय एक से तीन के बीच ही रहती थी. आज उसकी गिनती टॉप-6 में भी नहीं आ पा रही है. बीच में तो पाकिस्तानी टीम के चैंपियंस ट्रॉफी में क्वालीफाई होने पर ही संशय पैदा हो गया था.

ऐसा नहीं है कि वर्तमान पाकिस्तानी टीम में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी है. टीम में मोहम्मद आमेर, अकमल, वहाब रियाज़ जैसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं. साथ में कुछ प्रतिभाशाली नये खिलाड़ी भी हैं. इसके बावजूद आज की टीम वर्ल्ड कप जीतनेवाली पाक टीम की अक्स ही नजर आती है. यूनुस खान, मिस्बाह, शाहिद अफरीदी के क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायर होने के बाद पाकिस्तान को क्रिकेटिंग हीरो की तलाश है, जो टीम को एक सूत्र में पिरो सके और पूरे पाकिस्तान के नये जेनेरशन को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित कर सके.

दुनिया के क्रिकेट प्रेमी चिंतित हैं कि कहीं पाक क्रिकेट की हालत भी वेस्टइंडीज क्रिकेट की तरह न हो जाये, जो कभी वर्ल्ड क्रिकेट पर राज करता था और आज वह पिछले 15 साल से क्रिकेट की दुनिया में बहुत नीचे चला गया है. पाकिस्तान की क्रिकेट टीम भी उसी राह पर तो नहीं जा रही है?

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