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झारखंड क्रिकेट संघ बड़े विवाद में: स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा, चार लाख दीजिए और स्टेट क्रिकेट टूर्नामेंट खेलिए

रांची : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के राज्य झारखंड का क्रिकेट संघ बड़े विवाद में आ गया है. यहां पैसे लेकर बाहरी खिलाड़ियों को खेलाया जाता है. इस मामले का पर्दाफाश एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन से हुआ. इसमें दिखाया कि किस तरह से पैसे का लेनदेन कर खिलाड़ी को […]

रांची : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के राज्य झारखंड का क्रिकेट संघ बड़े विवाद में आ गया है. यहां पैसे लेकर बाहरी खिलाड़ियों को खेलाया जाता है. इस मामले का पर्दाफाश एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन से हुआ. इसमें दिखाया कि किस तरह से पैसे का लेनदेन कर खिलाड़ी को स्टेट और डिस्ट्रिक्ट लेवल की क्रिकेट टीम में जगह दी जाती है. इसके लिए राज्य और जिला स्तर के लिए अलग-अलग राशि ली जाती है. राज्यस्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट ( स्टेट) खेलाने के लिए बाहरी खिलाड़ियों से चार लाख रुपये, जबकि डिस्ट्रिक्ट लेवल पर खेलाने के लिए 40 हजार रुपये तक लिये जाते हैं.

चैनल ने सबसे पहले रांची जिला क्रिकेट संघ (आरडीसीए) के सचिव मोहम्मद वसीम का स्टिंग किया. इसमें दिखाया गया है कि मो वसीम ने पैसे के बदले नीचे से ऊपर तक सारी सेटिंग कर देने की बात कही. उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट लेवल पर अंडर-16 या अंडर-19 क्रिकेट खेलाने के लिए 35 से 40 हजार रुपये खर्च करने होंगे. इतने पैसों में वह खिलाड़ी का सारा दस्तावेज (फर्जी) बनवा देंगे. इसके बाद उनसे जब पूछा गया कि स्टेट लेवल पर क्रिकेट खेलाने में कितने रुपये खर्च करने होंगे.

इस पर मो वसीम ने चार लाख रुपये तक खर्च होने की बात बतायी. साथ ही उन्होंने दावा किया कि इसके लिए वह ऊपर तक सेटिंग कर देंगे. उनसे जब पूछा गया कि स्टेट खेलाने के लिए किसी की परमिशन चाहिए, तो उन्होंने कहा कि नहीं. वहां सेलेक्टर्स की सेटिंग रहती है. मो वसीम ने कहा कि यदि बच्चे में टैलेंट है, तो उसे रांची डिस्ट्रिक्ट से खेलायेंगे, नहीं तो किसी दूसरे जिले से उसका रजिस्ट्रेशन करवा देंगे. मो वसीम ने तो पैसों के बदले दूसरे राज्यों से भी खेलाने की बात कही. उन्होंने कहा कि बीसीसीआइ ने अभी छह राज्यों को मान्यता दी है. वहां खिलाड़ियों की जरूरत है. जरूरत पड़ी, तो उन राज्यों से भी खेलवा देंगे.

लातेहार क्रिकेट संघ के सचिव भी फंसे: इसके बाद लातेहार जिला क्रिकेट संघ के सचिव अमलेश कुमार का स्टिंग किया गया. उनसे पूछा गया कि किसी बड़े टूर्नामेंट के स्पांसरशिप पर कुल कितने रुपये खर्च होंगे . इस पर अमलेश ने कहा कि 10-12 लाख रुपये खर्च होंगे. इसमें विजेता टीम को एक लाख व उपविजेता टीम को 51 हजार रुपये के अलावा खिलाड़ियों व ऑफिशियल के लिए मोमेंटो का खर्च भी शामिल होगा. उनसे जब कहा गया कि स्पांसरशिप के बदले यदि किसी खिलाड़ी को खेलाना हो, तब क्या करेंगे. इस पर अमलेश ने कहा कि इसके लिए उन्हें बॉस (जेएससीए के आलाधिकारी) का पैर भी पकड़ना पड़े, तो वह करेंगे. साथ ही रांची जिले से बच्चे का आवासीय प्रमाण पत्र भी बनवा देंगे. उन्‍होंने दावा किया कि पैसों के दम पर एक खिलाड़ी को अंडर-16, अंडर-19, अंडर-23 ही नहीं ,बल्कि रणजी ट्रॉफी, विजय हज़ारे ट्रॉफी और आइपीएल जैसे टूर्नामेंट खिलाने का रास्ता साफ कर दिया जाएगा.

बिहार में 75 लाख तक का ऑफर: चैनल ने बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) के अधिकारियों का भी स्टिंग किया. वहां के सेलेक्टर नीरज कुमार ने कहा कि 75 लाख रुपये देने पर रणजी ट्रॉफी मैच खेला देंगे. 35 लाख रुपये तो बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव रवि शंकर प्रसाद को देने होंगे. वहीं, पांच लाख रुपये तो फर्जी प्रमाण पत्र (आधार, आवासीय, स्कूल व हॉस्टल) बनवाने में लग जायेंगे. उसने दिल्ली में एक फ्लैट देने की भी मांग की. नीरज ने कहा कि बिहार में सभी लेनदेन वहां के वरिष्ठ अंपायर डीपी त्रिपाठी की देखरेख में होता है. टीवी पर यह खबर आने के बाद बीसीए ने डीपी त्रिपाठी और सेलेक्टर नीरज को सस्पेंड कर दिया है.

पहले भी रिपोर्ट दी गयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई : नीरज: क्रिकेट संघ में पूरे भ्रष्टाचार के संबंध में बीसीसीआइ की एंटी करप्शन यूनिट के पूर्व चीफ नीरज कुमार ने बताया कि इस संबंध में वह पूर्व में भी रिपोर्ट दे चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि हरियाणा में एक बार जांच के दौरान उन्हें पता चला कि वहां खिलाड़ी से सेक्सुअल फेवर की भी मांग की गयी थी.

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