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पेट्रो रसायन और रिफाइनरी प्रोजेक्ट में निवेश के लिए रिलायंस से बात कर रही सऊदी अरामको

नयी दिल्ली : दुनिया की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी सऊदी अरामको ने बुधवार को कहा कि वह भारत में पेट्रो रसायन तथा रिफाइनरी परियोजनाओं में निवेश के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज तथा अन्य भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है. सऊदी अरब की राष्ट्रीय तेल कंपनी भारत की ऊर्जा मांग परिदृश्य को लेकर उत्साहित […]

नयी दिल्ली : दुनिया की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी सऊदी अरामको ने बुधवार को कहा कि वह भारत में पेट्रो रसायन तथा रिफाइनरी परियोजनाओं में निवेश के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज तथा अन्य भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है. सऊदी अरब की राष्ट्रीय तेल कंपनी भारत की ऊर्जा मांग परिदृश्य को लेकर उत्साहित है और यहां निवेश करने को लेकर उत्सुक है.

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कंपनी ने अपनी भागीदार संयुक्त अरब अमीरात की एडनोक के साथ महाराष्ट्र में प्रस्तावित 44 अरब डॉलर की रिफाइनरी-सह-पेट्रोरसायन परिसर में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों से 50 फीसदी हिस्सेदारी ली है. सऊदी अरामको के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमील अल नासीर ने कहा कि कंपनी भारत में निवेश को लेकर सकारात्मक हैं और भागीदारों के साथ काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि भारतीय भागीदार हमें आश्वास्त कर रहे हैं कि चीजें बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही हैं. सऊदी भारत मंच की बैठक के दौरान अलग से संवाददाताओं के सवालों के जवाब में नासीर ने यह बात कही. उनसे सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना के 6 करोड़ टन सालाना क्षमता की रिफाइनरी परियोजना के रत्नागिरी जिले से दूसरी स्थानांतरित करने पर सहमति के बाद उसके भविष्य के बारे में सवाल पूछा गया था.

उन्होंने कहा कि रत्नागिरी परियोजना के रास्ते में जमीन अधिग्रहण की समस्या है. स्थानीय राजनेता इसका विरोध कर रहे हैं. यह पूछे जाने पर कि वैकल्पिक स्थल के चयन से परियोजना निर्धारित समयसीमा 2025 तक संभवत: पूरी नहीं हो पायेगी. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अगर कोई देरी होती है, हम उसकी भरपाई कर लेंगे. हम सभी यह सुन रहे हैं कि चीजें बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही हैं और हमें इसको लेकर आशावादी होना चाहिए.

नासीर ने जोर देकर कहा कि सऊदी अरामको परियोजना में बनी रहेगी. इसके लिए समझौते पर पिछले साल हस्ताक्षर किये गये. उन्होंने कहा कि सऊदी अरामको भारत में निवेश के लिए अन्य कंपनियों के साथ भी बातचीत कर रही है. उन्होंने कहा कि हम केवल रत्नागिरी रिफाइनरी में निवेश तक सीमित नहीं है. हम अन्य अवसर भी देख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सऊदी अरामको निवेश को लेकर भारत को प्राथमिकता दे रहा है. वृद्धि की काफी संभावना है. हम भारत में अतिरिक्त निवेश पर गौर कर रहे हैं. हम रिलायंस इंडस्ट्रीज समेत अन्य कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं. सऊदी अरामको के सीईओ ने कहा कि भारत में वृद्धि दिख रही है. कंपनी भारत को 8,00,000 बैरल निर्यात कर रही है. जिस तरीके से मांग बढ़ रही है, उससे हम काफी खुश हैं.

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