कोलकाता : गंगा के कटाव को रोकने, पर्यावरण को दूषित होने से बचाने व महानगर में पक्षियों की संख्या बढ़ाने के लिए कोलकाता पुलिस की रिवर ट्रैफिक पुलिस ने नयी योजना बनायी है. वन विभाग के सहयोग से गंगा किनारे एक मिनट में 40 किमी दायरे में 20 हजार पौधारोपण करने का लक्ष्य रखा है. पौधाें का चयन भी ऐसा होगा, जो गंगा किनारे जीवित रह सकें.
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कोलकाता : पर्यावरण रक्षा व गंगा किनारे हरियाली बढ़ाने की पहल
कोलकाता : गंगा के कटाव को रोकने, पर्यावरण को दूषित होने से बचाने व महानगर में पक्षियों की संख्या बढ़ाने के लिए कोलकाता पुलिस की रिवर ट्रैफिक पुलिस ने नयी योजना बनायी है. वन विभाग के सहयोग से गंगा किनारे एक मिनट में 40 किमी दायरे में 20 हजार पौधारोपण करने का लक्ष्य रखा है. […]
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हुगली नदी के दोनों ओर (कोलकाता और हावड़ा) 40-40 किमी का क्षेत्र कोलकाता पुलिस की रिवर ट्रैफिक पुलिस के अधीन आता है. तेज बहाव की वजह से गंगा किनारे कटाव की समस्या आम है. साथ ही कूड़ा-कचरा पड़े होने और पेड़ों को काट लिये जाने की वजह से पर्यावरण भी दूषित होने लगा है.
गंगा के कटाव को रोकने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए कोलकाता पुलिस ने गंगा के दोनों किनारे पौधारोपण करने की योजना बनायी है. इसके लिए पुलिस अधिकारियों और वन विभाग के अफसरों के साथ बातचीत भी हो चुकी है. वन विभाग की ओर से पौधे उपलब्ध कराये जायेंगे. हालांकि पुलिस का कहना है कि इतने पौधे वन विभाग से नि:शुल्क नहीं लिये जायेंगे.
कुछ पौधे भले ही विभाग से नि:शुल्क लिये जायेंगे, मगर बाकी पौधों की कीमत दो रुपये के हिसाब से चुकायी जायेगी. पौधों के लिए सरकारी रुपये का प्रयोग नहीं किया जायेगा, बल्कि पुलिस अधिकारी और कर्मचारी आपस में चंदा कर पौधों की खरीद करेंगे. साथ ही विभिन्न क्लब और शहरवासियों से भी आर्थिक मदद की अपील की जायेगी.
पुलिस ने एक समीक्षा रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि हुगली नदी के पानी में नमक की मात्रा 11 से 13 फीसदी तक है. इसके चलते गंगा किनारे सदाबहार पौधे लगाये जा सकते हैं या नहीं, इस बारे में भी वन विभाग से चर्चा की गयी है. वन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार गंगा में आनेवाले ज्वार का पानी जहां तक पहुंच सकता है, वहां तक सदाबहार पेड़ लगाये जा सकते हैं.
लेकिन जहां ज्वार का पानी नहीं पहुंचेगा, वहां पर जामुन, नीम, इमली, कटहल समेत अन्य पेड़ लगाये जायेंगे. इससे महानगर में पक्षियों की संख्या में इजाफा भी होगा. रोपण के बाद यदि कोई पौधा मर जाता है, तो उसकी जगह नया पौधा लगाया जायेगा. हालांकि अभी पुलिस की ओर से पौधारोपण की तिथि तय नहीं की गयी है.
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