कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कोयला खदान देवचा पचामी के खनन के लिए राज्य के मुख्य सचिव मलय दे के नेतृत्व में उन्होंने एक कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी खनन के संबंध में दिशा तय करेगी. तीन वर्षों की कोशिशों के बाद बंगाल को इसके खनन के लिए अनुमति मिल गयी है.
इस संबंध में अगले हफ्ते एमओयू पर हस्ताक्षर किया जायेगा. राज्य सचिवालय नबान्न में संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि यहां 2102 मिलियन मीट्रिक टन का कोयला है. हालांकि खदान में कोयले की मौजूदगी नीचे है. ऊपर पत्थर होने की वजह से पहले उन्हें हटाना होगा.
खनन कार्य में 12 हजार करोड़ रुपये का खर्च होगा और करीब पांच वर्ष का समय लगेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को 50 करोड़ रुपये सिक्योरिटी के तौर पर देनी होगी. हालांकि वह इसे बाद में लौटा देंगे. राज्य के प्रदूषण नियंत्रण विभाग को 100 करोड़ रुपये का एक फंड तैयार करने के लिए कहा गया है. इसमें से 50 करोड़ रुपये केंद्र को दिये जायेंगे. केंद्र से पैसा मिलने के बाद 50 करोड़ रुपये प्रदूषण नियंत्रण विभाग को लौटा दिये जायेंगे. मुख्यमंत्री ने बताया कि 11222.5 एकड़ वीरभूम में फैले इस कोयला ब्लॉक को पहले छह राज्य मिलकर खनन करनेवाले थे.
बाद में पश्चिम बंगाल ने अकेले खनन करने के लिए आवेदन किया था. यहां करीब 400 परिवार रहते हैं. इनमें से 40 फीसदी आदिवासी हैं. इन सभी का पुनर्वास उनके साथ बात करके किया जायेगा. इसके चालू होने से एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा. वीरभूम के अलावा बर्दवान, बांकुड़ा, मेदिनीपुर, पुरुलिया और हुगली के भी कुछ हिस्से के लोगों को फायदा होगा. इसके चालू होने से न केवल बंगाल की 100 वर्ष तक के कोयले की जरूरत पूरी हो सकेगी. देश को भी फायदा होगा.
स्वामी विवेकानंद का संदेश आज भी प्रासंगिक :
मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा कि शिकागो में धर्म संसद के सम्मेलन में अपने संबोधन में सार्वभौम भाईचारे का स्वामी विवेकानंद का संदेश आज के समय में भी प्रासंगिक है. स्वामी विवेकानंद ने 1893 में अपने भाषण में पश्चिमी दुनिया का भारत और हिंदुत्व से परिचय कराया था. मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया : शिकागो में धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के युगांतकारी भाषण के आज 126 साल पूरे हो गये. सार्वभौम भाईचारे का उनका संदेश आज भी प्रासंगिक है. इस महान संत को मेरी आदरपूर्ण श्रद्धांजलि.
तृणमूल कांग्रेस सरकार ने विवेकानंद के भाषण को पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया है. राज्य सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के प्रतिभावान छात्रों की मदद के लिए बुधवार को स्वामी विवेकानंद मेरिट-कम-मीन्स स्कॉलरशिप (एसवीएमसीएमएस) की शुरुआत करनेवाली है. इसके अलावा ममता बनर्जी के नेतृत्ववाली सरकार ने रामकृष्ण मिशन के साथ मिलकर इस दिन के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनायी है.