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लाल गुलाब, प्‍यार का इजहार, दिलीप कुमार की शर्त और मधुबाला की खामोशी…

‘ट्रेजेडी किंग’ दिलीप कुमार आज 95 साल के हो गये हैं. दिलीप कुमार सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि हिंदी सिनेमा का एक ऐसा दौर था जब सही मायनों में अदाकारी की शुरुआत हुई थी. उनके द्वारा निभाये गये हर किरदार को आज भी याद किया जाता है. एक वक्‍त था जब दिलीप कुमार और मधुबाला […]

‘ट्रेजेडी किंग’ दिलीप कुमार आज 95 साल के हो गये हैं. दिलीप कुमार सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि हिंदी सिनेमा का एक ऐसा दौर था जब सही मायनों में अदाकारी की शुरुआत हुई थी. उनके द्वारा निभाये गये हर किरदार को आज भी याद किया जाता है. एक वक्‍त था जब दिलीप कुमार और मधुबाला के इश्‍क के किस्‍से बॉलीवुड गलियारों में हुआ करते थे. दोनों हमेशा के लिए एकदूसरे के हो जाना चाहते थे लेकिन दिलीप कुमार की एक शर्त ने दोनों की राहें अलग कर दी…

दिलीप कुमार ने साल 1944 में फिल्‍म ‘ज्‍वार भाटा’ से बॉलीवुड में डेब्‍यू किया था लेकिन इस फिल्‍म से दर्शकों का ध्‍यान अपनी ओर नहीं खींच पाये. साल 1940 में उन्‍होंने फिल्‍म ‘अंदाज’ में बॉलीवुड के शोमैन राजकपूर के साथ काम किया. यह फिल्‍म एक बड़ी हिट साबित हुई.

इसके बाद दीदार (1951) और देवदास (1955) जैसी फिल्‍मों में गंभीर भूमिकाओं की वजह से उन्‍हें ‘ट्रेजेडी किंग’ कहा जाने लगा. लेकिन इसी दौरान एक ऐसा वक्‍त आया जब उनका दिल उन्‍हें दगा दे बैठा. हम बात कर रहे हैं दिलीप कुमार और मधुबाला की मोहब्‍बत की. दोनों के प्‍यार की शुरुआत एक गुलाब के फूल से हुई, लेकिन इस मोहब्‍बत के फूल में दोनों के लिए कांटे भी बहुत थे.

साल 1951 में आई फिल्‍म में दिलीप कुमार और मधुबाला ने फिल्‍म ‘तराना’ ने एक साथ काम किया था. लेकिन इस दौरान दिलीप कुमार को तनिक भी अंदाजा न था कि दिल ही दिल में मधुबाला उनसे प्‍यार करने लगी थीं. शूटिंग के दौरान की मधुबाला ने अपने प्‍यार का इजहार अनोखे अंदाज में कर दिया. दरअसल उन्‍होंने अपने करीबी मेकअप आर्टिस्‍ट के हाथों दिलीप कुमार को एक खत भेजा, जिसमें लाल गुलाब भी था.

उर्दू में लिखे गये इस खत में मधुबाला ने लिखा था, ‘अगर आप मुझे चाहते हैं तो ये गुलाब कबूल फरमाइए…वरना इसे वापस कर दीजिये.’ मधुबाला की मोहब्‍बत के पैगाम को दिलीप कुमार ने खुशी-खुशी कबूल कर लिया और फिल्‍म ‘तराना’ के शूटिंग सेट्स से दोनों का प्‍यार परवान चढ़ने लगा. लेकिन दोनों को इस बात की खबर न थी इन प्‍यार की राहों में आगे ढेरों कांटें हैं.

दरअसल मधुबाला की कमाई से ही उनके पूरे घर का खर्च चलता था, इसलिए उनके पिता चाहते थे कि मधुबाला किसी भी प्‍यार में पड़ें. लेकिन एक दूसरे के इश्क़ में गिरफ्त दिलीप कुमार और मधुबाला मिलने का कोई ना कोई तरीका ढूंढ ही लेते थे. क‍हा जाता है कि फिल्‍म ‘मुगल-ए-आजम’ की शूटिंग के दौरान जब दिलीप कुमार की शूटिंग नहीं भी होती थी तो भी वे मधुबाला से मिलने के लिए फिल्म के सेट पर आ जाया करते थे.

सेट पर वे चुपचाप खड़े होकर मधुबाला को देखते थे. भले ही उनकी ज़ुबान खामोश रहती लेकिन आंखों ही आंखों में सारी बातें हो जाया करती थीं. दिलीप कुमार, मधुबाला को अपनी जीवन संगिनी बनाना चाहते थे. उन्‍होंने जल्‍द ही अपनी बहन सकीना को शादी का पैगाम लेकर मधुबाला के घर भेजा. उन्‍होंने कहा कि अगर मुधबाला के पिता तैयार हो जायें, तो वे सात दिन बाद मधुबाला से शादी करना चाहते थे. लेकिन मधुबाला के पिता लेकिन अताउल्ला खान ने इस रिश्ते से साफ इंकार कर दिया. मधुबाला, दिलीप कुमार और अपने पिता दोनों से बेहद प्‍यार करती थीं.

फिल्म ‘ढाके की मलमल’ की शूटिंग के दौरान दिलीप कुमार ने अभिनेता ओम प्रकाश के सामने मधुबाला से कहा, वो आज ही उनसे शादी करना चाहते हैं. उन्‍होंने यह भी कहा कि उनके घर पर एक क़ाज़ी मौजूद है, वे चाहते थे कि मधुबाला फौरान उनके साथ चले. लेकिन इसके साथ ही दिलीप कुमार ने मधुबाला के सामने एक शर्त भी रख दी. शर्त थी कि शादी के बाद मधुबाला को अपने पिता से सारे रिश्ते तोड़ने होंगे. उनके मुंह से यह बात सुनकर मधुबाला खामोश हो गई.

मधुबाला की खमोशी को देखकर दिलीप कुमार ने गुस्‍से में कहा, अगर आज मैं यहां से अकेले गया तो फिर लौटकर तुम्‍हारे पास वापस नहीं आउंगा. मधुबाला फिर भी चुप रहीं और आखिरकार दिलीप कुमार वहां से उठकर चले गये, उस कमरे से भी और मधुबाला की जिंदगी से भी.

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