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खरीफ फसल के लिए नहीं होगी यूरिया की कमी

आरा : जिले में खरीफ फसल को लेकर किसानों को उर्वरक के लिए सरकार काफी संवेदनशील है. किसानों को हर हाल में उर्वरक की खपत पूरा करने के लिए सरकार उर्वरक भेज रही है. किसानों को उर्वरक के लिए परेशानी नही हो रही है. आवश्यकता के अनुसार समय पर उर्वरक उपलब्ध रहेगी. भोजपुर में 1 […]

आरा : जिले में खरीफ फसल को लेकर किसानों को उर्वरक के लिए सरकार काफी संवेदनशील है. किसानों को हर हाल में उर्वरक की खपत पूरा करने के लिए सरकार उर्वरक भेज रही है. किसानों को उर्वरक के लिए परेशानी नही हो रही है. आवश्यकता के अनुसार समय पर उर्वरक उपलब्ध रहेगी. भोजपुर में 1 लाख 23 हेक्टेयर भूमि में खरीफ फसल की खेती होती है. इसके लिए 15 हजार 980 मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता जिले को है. हालांकि अभी तक विभाग को 15 हजार मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त हो चुकी है. जिसमें 1542 मीट्रिक टन यूरिया की खपत हो चुकी है. अभी तक जिले में किसानों को उर्वरक को लेकर किसी तरह की परेशानी सामने नहीं आयी है.

14941 हेक्टेयर में धान की खेती का हुआ आच्छादन : वर्तमान खरीफ फसल के मौसम में अगस्त के प्रथम सप्ताह तक 14941 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती का आच्छादन किया जा चुका है. वहीं 1676 हेक्टेयर में मक्का की खेती का आच्छादन किया जा चुका है. वहीं 545 हेक्टेयर में अरहर की खेती का आच्छादन लक्ष्य के विरुद्ध लगभग पूरा हो चुका है. वहीं धान की रोपनी का काम भी लगभग पूरा हो चुका है.
15980 के विरुद्ध मिला है 15 हजार 700 मीट्रिक टन यूरिया : जिले में खरीफ की खेती को लेकर 15 हजार 980 मीट्रिक टन की आवश्यकता अगस्त माह तक है. इसके विरूद्ध अभी तक जिले को 15 हजार 700 मीट्रिक टन यूरिया जिले को प्राप्त हो चुकी है. जबकि 1540 मीट्रिक टन की खपत भी हो चुकी है. वहीं खरीफ फसल के लिए 3564 मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता अगस्त माह तक है. जबकि पिछले अवशेष मिलाकर जिले के पास 7135 मीट्रिक टन की प्राप्ति हो चुकी है. जिसमें 70 मीट्रिक टन अवशेष डीएपी है तथा 4002 मीट्रिक टन डीएपी की खपत अभी तक हो चुकी है. जिले को 3706 मीट्रिक टन एनपीके की आवश्यकता है.
जबकि 1973 मीट्रिक टन की प्राप्ति हो चुकी है. वहीं 100 मीट्रिक टन की खपत किसानों के बीच हो चुकी है. इस मौसम के खरीफ फसल की खेती के लिए 1291 मीट्रिक टन एमओपी की आवश्यकता है. जबकि महज 50 मीट्रिक टन ही जिले को आवंटन मिल पाया है. वहीं 10 मीट्रिक टन की खपत भी हो चुकी है. जबकि 1020 मीट्रिक टन एसएसपी की आवश्यकता जुलाई माह तक जिले को है. जबकि अभी तक 4593 मीट्रिक टन जिले को आवंटित हो चुकी है. जिसमें 1402 मीट्रिक टन गत वर्ष का अवेशष है.
1.23 लाख हेक्टेयर खरीफ फसल का है लक्ष्य
जिले में खरीफ फसल का लक्ष्य एक लाख 22.5 हजार हेक्टेयर भूमि में निर्धारित की गयी है. लक्ष्य के अनुसार एक लाख 15 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की जानी है. वहीं चार हजार हेक्टेयर में मक्के की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जबकि साढ़े तीन हजार हेक्टेयर में अरहर की खेती की जायेगी. अभी तक 98 प्रतिशत से अधिक बोआई का कार्य पूरा हो चुका है.
क्या कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी
आवश्यकता के अनुरूप जिले को उर्वरकों का आवंटन हो रहा है. किसानों को उर्वरकों की कमी नहीं होगी. विभाग पूरी तरह तैयार है. हर हाल में खरीफ फसल के लक्ष्य को प्राप्त किया जायेगा. वर्षा भी सामान्य हो रही है. किसानों के द्वारा अभी
तक किसी तरह की शिकायत
नहीं मिली है.
संजय कुमार तिवारी, डीएओ

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