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नागरिकता बिल पर असम में विरोध भड़का, गुवाहाटी में कर्फ़्यू, 10 ज़िलों में इंटरनेट बंद

<p>असम में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बढ़ते विरोध को देखते हुए गुवाहाटी में कर्फ़्यू लगा दिया गया है और 10 ज़िलों में इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई है.</p><p>असम पुलिस के महानिदेशक भाष्कर ज्योति महंता ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि गुवाहाटी में शाम 6.15 बजे से कर्फ़्यू लगा दिया गया जो गुरुवार सुबह […]

<p>असम में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बढ़ते विरोध को देखते हुए गुवाहाटी में कर्फ़्यू लगा दिया गया है और 10 ज़िलों में इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई है.</p><p>असम पुलिस के महानिदेशक भाष्कर ज्योति महंता ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि गुवाहाटी में शाम 6.15 बजे से कर्फ़्यू लगा दिया गया जो गुरुवार सुबह 7 बजे तक जारी रहेगा.</p><p>हालाँकि समाचार एजेंसी एएनआई ने गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के हवाले से बताया है कि कर्फ़्यू तब तक जारी रहेगा जब तक कि हालात सामान्य नहीं हो जाते.</p><p>असम सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी कर बताया है कि 10 ज़िलों में शाम 7 बजे से 24 घंटे तक मोबाइल डेटा और इंटरनेट सेवाएँ बंद रहेंगी.</p><p>आदेश में लिखा गया है कि ये क़दम &quot;राज्य की शांति को नष्ट करने में मीडिया के दुरुपयोग को रोकने और क़ानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए उठाया गया है&quot;. </p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50725213?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">असम समझौता और इनर लाइन परमिट क्या है</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50713677?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">नागरिकता संशोधन बिल: असम क्यों उबल रहा है</a></p><p>जिन ज़िलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है उनके नाम हैं – लखीमपुर, तिनसुकिया, धेमाजी, डिब्रूगढ़, सराइदेव, सिबसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप.</p><p>ये फ़ैसले ऐसे समय लिए गए जब असम में हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर विधेयक का विरोध किया. </p><p>इस दौरान कई जगहों पर पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई. पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए आँसू गैस और लाठी चार्ज का इस्तेमाल किया.</p><p>पीटीआई के अनुसार असम सरकार ने सेना की दो टुकड़ियों की माँग की है और उन्हें बोंगाइगाँव और डिब्रूगढ़ में तैयार रखा गया है.</p><h1>क्यों हो रहा है विरोध</h1><p>असम में ये कहकर नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया जा रहा है कि इससे असम समझौते का उल्लंघन होता है. </p><p>असम समझौता राज्य के लोगों की सामाजिक-सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को सुरक्षा प्रदान करता है.</p><p>ये समझौता 15 अगस्त 1985 को भारत सरकार और असम आंदोलन के नेताओं के बीच हुआ था.</p><p>समझौता असम में छह वर्ष तक चले आंदोलन के बाद हुआ जिसकी अगुआई छात्र कर रहे थे. </p><figure> <img alt="असम में विरोध" src="https://c.files.bbci.co.uk/1F0E/production/_110105970_f8c39a4e-ae3b-42a2-8431-fa0ae274604b.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>उनकी माँग थी कि अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें निर्वासित किया जाए.</p><p>असम समझौते के मुताबिक प्रवासियों को वैधता प्रदान करने की तारीख़ 25 मार्च 1971 है, लेकिन नागरिकता संशोधन विधेयक में इसे 31 दिसंबर 2014 माना गया है.</p><p>असम में सारा विरोध इसी नई कट-ऑफ़ डेट को लेकर है. </p><p>नागरिकता संशोधन विधेयक में नई कट-ऑफ़ डेट की वजह से उन लोगों के लिए भी मार्ग प्रशस्त हो जाएगा जो 31 दिसंबर 2014 से पहले असम में दाख़िल हुए थे.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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