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शरद पवार ने रखा अपना मत, इसमें कुछ भी गलत नहीं, बोले नाना पटोले- क्यों नहीं दी जा रही JPC की इजाजत

कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस अपने शासन काल में विपक्ष की मांग पर जेपीसी को लागू किया था. उस समय पार्टी ने तो सदन की कार्यवाही बंद की और ही जेपीसी से इनकार किया. वहीं, शरद पवार के बयान पर उन्होंने कहा की पवार ने अपना मत दिय है. इसमें कुछ भी गलत नहीं.

अदाणी मुद्दे को लेकर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बयान को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है. इसी कड़ी में महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि शरद पवार और उनकी पार्टी ने अपना मत रखा है. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. पहले भी जेपीसी की मांग की गई थी और वह प्रभावी थी तो आज वे जेपीसी की अनुमति क्यों नहीं दे रहे हैं? मोदी-अदाणी मामले पर कुछ क्यों नहीं कह रहे, एलआईसी (LIC) और एसबीआई (SBI) से पैसा निकाल लिया गया है, यह बात सभी जानते हैं.

बीजेपी पर साधा निशाना: इसी कड़ी में कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस अपने शासन काल में विपक्ष की मांग पर जेपीसी को लागू किया था. उस समय पार्टी ने तो  सदन की कार्यवाही बंद की और ही जेपीसी से इनकार किया. लेकिन बीजेपी के शासन काल में पूरा सत्र हंगामेदार रहा. बार-बार सदन स्थगित होती रही. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अदाणी और 20,000 हजार करोड़ से जुड़ा मुद्दा उठाया था.

अडाणी मुद्दे पर जेपीसी के खिलाफ नहीं- पवार: गौरतलब है कि अदाणी मामले को लेकर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि वह अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की पूरी तरह से खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की एक समिति अधिक उपयुक्त और प्रभावी होगी. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि उन्हें अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च के पिछले इतिहास की जानकारी नहीं है, जिसने अरबपति गौतम अदाणी की कंपनियों में शेयर और लेखांकन में हेरफेर तथा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

भारत में बंदरगाहों के परिचालन की अनुमति क्यों मिली- कांग्रेस: इन सबसे इतर कांग्रेस ने आज यानी रविवार को केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अदाणी समूह के कथित चीनी जुड़ाव की ओर इशारा किया और पूछा कि इस समूह को अब भी भारत में बंदरगाह के परिचालन की अनुमति क्यों दी जा रही है. केंद्र पर हमला करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कि सरकार ने 2022 में एपीएम टर्मिनल्स मैनेजमेंट और ताइवान की वान हाई लाइन्स के एक कंसोर्टियम को सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार कर दिया था, क्योंकि विभिन्न एजेंसी को वान हाई के निदेशक और एक चीनी कंपनी के बीच संबंध का पता चला था.

भाषा इनपुट के साथ

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