23.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कुंभ मेला में हुआ कोरोना रिपोर्ट फर्जीवाड़ा, लाखों टेस्ट रिपोर्ट थे जाली: स्वास्थ्य विभाग

उत्तराखंड में आयोजित कुंभ मेले में शामिल होने के लिए कोरोना टेस्ट रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया गया था. इसकी निगेटिव रिपोर्ट आने पर ही मेले में आने की परमिशन मिल रही थी. इसे लेकर उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा खुलासा किया है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक उसने प्रारंभिक जांच में पाया है कि मेले में दिखाए गये चार लाख रिपोर्ट जाली थे. इसके लिए 1600 पन्नों की जांच चल रही है.

उत्तराखंड में आयोजित कुंभ मेले में शामिल होने के लिए कोरोना टेस्ट रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया गया था. इसकी निगेटिव रिपोर्ट आने पर ही मेले में आने की परमिशन मिल रही थी. इसे लेकर उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा खुलासा किया है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक उसने प्रारंभिक जांच में पाया है कि मेले में दिखाए गये चार लाख रिपोर्ट जाली थे. इसके लिए 1600 पन्नों की जांच चल रही है.

टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी इसके कुछ पन्नों को देखा है. इससे इस बात का खुलासा हुआ है कि एक निजी एजेंसी द्वारा एक लाख जाली कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट जारी किये गये थे. टाइम्स ऑफ इंडिया को एक अधिकारी ने बताया की उदाहरण के तौर पर देखे तो एक फोन नंबर के जरिेये 50 से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया.

जबकि एक एंटीजन टेस्ट किट में एक यूनिक नंबर होता है, जिसका इस्तेमाल सिर्फ एक बार के लिए ही किया जा सकता है. पर एक एंटीजन टेस्ट किट के जरिये 700 लोगों के सैंपल की जांच की गयी. जांच कराने के लिए जो नाम और पता दिये गये वो भी काल्पनिक थे. एक रिपोर्ट के मुताबिक हरिद्वार के हाउस नंबर पांच से करीब 500 सैंपल लिये गये, तो सवाल यह उठता है कि आखिर एक घर में क्या 500 लोग रह रहे थे. पते भी विचित्र दिये गये हैं जैसे हाउस नंबर 56 अलीगढ़, हाउस नंबर 76 मुंबई.

Also Read: Kumbh Mela 2021: रहस्यों से भरी है नागा साधुओं की जिंदगी, जानें आम आदमी कैसे बनता है नागा सन्यासी, क्यों कुंभ मेले में ही दिखते हैं ये, जानें सबकुछ

अधिकारी ने बताया की जो फोन नंबर इस्तेमाल किये गये वो भी फर्जी थे. क्योंकी कानपुर, मुंबई, अहमदाबाद समेत 18 अन्य जगहों के लिए एक ही नंबर का इस्तेमाल किया गया. कुंभ मेला के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अर्जुन सिंह सेंगर ने बताया कि जांच एजेंसी को दो निजी प्रयोगशालाओं में सैंपल जमा कराने थे. फिलहाल दोनों लैब की जांच की जा रही है. वहीं हरिद्वार के डीएम ने सी रविशंकर ने कहा कि फिलहाल जांच की जा रही है और एजेंसियों के लंबित भुगतान को अगली सूचना तक के लिए रोक लगा दी गयी है.

जांच में पाया गया कि एजेंसी ने सैंपल कलेक्ट करने के लिए जिन लोगों को रखा था उनमें 200 राजस्थान के थे जो डाटा एंट्री ऑपरेटर थे. सैंपल लेने के लिए सैंपल कलेक्शन करने वाले व्यक्ति को वहां जाना पड़ता है. पर जांच के क्रम में जब रजिस्टर्ड सैंपल कलेक्शन एजेंट से संपर्क किया गया तो उनमें से 50 फीसदी से अधिक राजस्थान के निवासी थे जो छात्र और डाटा एंट्री ऑपरेटर थे.

इतना ही नहीं एक सैंपल कलेक्शन एजेंट जो हनुमानगढ़ राजस्थान का रहने वाला है और सराकारी स्किल डेवलपमेंट सेंटर में ट्रेनिंग ले रहा है, उससे जब बात हुई तो उसने बताया कि वह कभी कुंभ मेला में शामिल हुआ ही नहीं है. अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की जांच में अभी और भी खुलासे होंगे.

Also Read: Kumbh Mela 2021: कितने साल में आयोजित किया जाता हैं कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ और महाकुंभ, क्या है इसके पीछे मान्यताएं

Posted By: Pawan Singh

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें