कोरोना (Covid-19) की नई गोली ‘मोल्नुपिरावीर’ (Molnupiravir) के नुकसान को लेकर NTAGI प्रमुख ने चेतावनी दी है. खासकर कामकाजी समूहों और युवाओं को इसके इस्तेमाल को लेकर उन्होंने सतर्क किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में NTAGI के COVID-19 वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि कोविड-19 की गोली मोल्नुपिरावीर जो अस्पताल में भर्ती होने और आईसीयू में प्रवेश को रोकता है. इसे वरिष्ठ नागरिकों को दिया जाना चाहिए, विशेष तौर पर गंभीर स्थिति वालों को. इस दौरान उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि इसे प्रजनन आयु के लोगों जैसे युवाओं या कामकाजी ग्रुप को नहीं दिया जाना चाहिए.
#WATCH | Molnupiravir, which prevents hospitalization and ICU admissions, should be given to senior citizens, particularly those with comorbidities. It should not be given to people of the reproductive age: Dr NK Arora, Chairman of COVID-19 Working Group of NTAGI pic.twitter.com/WVq2nxREYd
— ANI (@ANI) January 11, 2022
NTAGI प्रमुख डॉ एनके अरोड़ा ने साफ तौर पर कहा कि गर्भवती महिलाओं के इसके इस्तेमाल से भ्रूण में म्यूटेशन की समस्या हो सकती है जो खतरनाक है. इस दवा का असर जननांगों में 3 महीने तक रहता है. उन्होंने कहा कि इस दवा का इस्तेमाल केवल बुजुर्गों और गंभीर अवस्था वाले मरीजों को करना चाहिए. बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब इस दवा को लेकर विशेषज्ञों ने सावधान किया है इससे पहले भी आईसीएमआर के डीजी डॉ बलराम भार्गव ने कोरोना की नई गोली मोल्नुपिरावीर के इस्तेमाल को काफी सोच समझ कर करने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा था कि गर्भवती महिला अगर इसका सेवन करती हैं तो इससे बच्चे का विकास प्रभावित हो सकता है. हालांकि उनकी इस चेतावनी के बाद कई डॉक्टरों ने मरीजों को यह देवा देना बंद कर दिया था.
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बता दें कि पिछले महीने ही भारतीय दवा नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने कोरोनोवायरस के खिलाफ एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरवीर के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी थी. भारत में इस दवा का निर्माण अलग-अलग फार्मा कंपनी अलग-अलग ब्रांड नाम से कर रही हैं. भारत में कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. नए वैरिएंट ओमिक्रॉन भी लोगों को संक्रमित कर रहा है. हालांकि अस्पताल में भर्ती हो रहे मरीजों की संख्या अभी दूसरी लहर की तुलना में कम है.