नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज यहां से पांच दिन की जापान और थाईलैंड यात्रा पर रवाना हो गये. यह यात्रा पूर्व की ओर देखो नीति को नया अर्थ देने तथा एशिया प्रशांत में शांति, समृद्धि और स्थिरता में योगदान देने की उम्मीद पर केंद्रित है.
मनमोहन ने अपने पहले पड़ाव के रूप में तोक्यो के लिए उड़ान भरी. उन्होंने जापान को भारत के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक साझेदार बताया.
मनमोहन ने रवाना होने से पूर्व अपने बयान में कहा कि वह राजनीतिक, सुरक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में जापान के साथ भारत के संबंध मजबूत करने पर बात करेंगे.
उन्होंने कहा, मेरी जापान और थाईलैंड यात्रा से हमारी पूर्व की ओर देखो नीति गहरी होगी तथा इसे नया अर्थ मिलेगा. तीन दिवसीय जापान यात्रा के दौरान मनमोहन रक्षा संबंधों को प्रगाढ़ करने तथा असैन्य परमाणु करार सहयोग के लिए द्विपक्षीय समझौते को आगे बढ़ाने पर गहन विमर्श करेंगे.
वह बुधवार को विभिन्न मुद्दों पर मेजबान प्रधानमंत्री शिंजो अबे के साथ विस्तृत विचार विमर्श करेंगे. इस दौरान रक्षा, आर्थिक, ऊर्जा तथा अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे हितों का सामंजस्य बढ़ रहा है और मैं इस संबंध को एशिया में स्थाई शांति एवं समृद्धि के लिए अपने दृष्टिकोण के आवश्यक तत्व के रुप में देखता हूं.