नयीदिल्ली : समान नागरिक संहिता पर परामर्श प्रक्रिया शुरू करने के लिए विधि आयोग की आलोचना करते हुए जदयू नेता शरद यादव ने आज राज्यसभा में कहा कि आयोग अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा रहा है क्योंकि संविधान के अनुसार, ऐसा कदम तब ही उठाया जा सकता है जब इस मुद्दे पर आम सहमति हो.
उच्च सदन में नियम 267 के तहत दिए गये नोटिस के जरिये यह मुद्दा उठाते हुए शरद यादव ने कहा कि संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी है और हर नागरिक को उसकी परंपरा और आस्था का पालन करने की अनुमति है. उन्होंने कहा कि विधि आयोग ने उनकी पार्टी को, बिहार सरकार को और अन्य को पत्र लिख कर समान नागरिक संहिता पर विचार जानना चाहा है.
जदयू नेता ने कहा कि संविधान के अनुसार, समान नागरिक संहिता की ओर तब ही बढ़ा जा सकता है जब इस बारे में आम सहमति और एक राय हो. शरद यादव ने कहा कि विधि आयोग अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा रहा है और समान नागरिक संहिता पर इस तरह के परामर्श की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सभी पक्षों से विचार विमर्श कर उनकी सहमति ली जानी चाहिए.