नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद 50 दिनों के अंदर 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को जमा कराने की अवधि के दौरान देश के विभिन्न बैंकों में करीब 3 से 4 लाख करोड़ रुपये की अघोषित राशि जमा करायी गयी है. यह बड़ा खुलासा सरकार ने मंगलवार को बैंकों में नोटबंदी के बाद जमा करायी गयी राशि के मूल्यांकन के बाद किया है. इस बड़े खुलासे के बाद आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि आयकर विभाग की ओर से करचोरी कर जमा करायी गयी अवैध अघोषित राशि जमा कराने वालों को नोटिस भेज दिया गया है.
आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, विभाग के अधिकारियों को इतनी बड़ी मात्रा में अघोषित राशि जमा कराने का पता तब चला, जब वे बैंकों के निष्क्रिय खातों में जमा धन का मूल्यांकन कर रहे थे. अधिकारियों का कहना है कि देश में 60 लाख से अधिक ऐसे बैंक खाते हैं, जिनमें दो लाख रुपये से अधिक राशि जमा करायी गयी है. उनका कहना है कि इस तरह के बैंक खातों में करीब 7.34 लाख करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित राशि नोटबंदी की घोषणा के बाद जमा करायी गयी है.
पूर्वोत्तर के राज्यों में जमा कराये गये 10,700 करोड़ रुपये
आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि नोटबंदी के बाद नौ नवंबर से अब तक देश के पूर्वोत्तर के राज्यों में करीब 10,700 करोड़ रुपये से अधिक अघोषित राशि विभिन्न बैंकों के खाताओं में जमा करायी गयी है. उन्होंने कहा कि आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सहकारी बैंकों में जमा कराये गये 16,000 करोड़ रुपये की भी जांच करायी जा रही है.
निष्क्रिय खातों में जमा कराये गये 25,000 करोड़ रुपये
इतना ही नहीं, आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नोटबंदी के बाद देश के विभिन्न बैंकों के निष्क्रिय खातों में करीब 25,000 करोड़ रुपये जमा कराये गये. वहीं, अधिकारियों का यह भी कहना है कि देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को प्रचलन से बाहर किये जाने के बाद करीब 80,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान किया गया. बता दें कि बैंक खाताधारकों को सरकार की ओर से 30 दिसंबर तक पुराने नोट बदलने या फिर उन्हें जमा कराने की छूट दी गयी थी.
बैंक खातों में पैसा जमा कराने वालों पर लग गयी थी खुफिया नजर
आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद अघोषित आय बैंक खातों में जमा कराने को लेकर खुफिया एजेंसियां पहले से ही सतर्क हो गयी थीं. उन्होंने बताया कि नोटबंदी की घोषणा के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों से बैंक खातों में अघोषित राशि जमा कराने की रिपोर्ट आ रही थी. उन्होंने बताया कि खुफिया विभाग की सूचना के आधार पर जब बैंक खातों में जमा करायी गयी राशि का मूल्यांकन किया गया, तो उन्हें इतनी बड़ी राशि जमा कराने का पता चला.