नयी दिल्ली : सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान जाने से रोकने के लिए भारत ने कार्रवाई शुरू कर दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक नृपेन्द्र मिश्रा की अध्यक्षता में शुक्रवार को इसे लेकर एक उच्चस्तरीयबैठक हुई. बैठक में सिंधु जल समझौते से जुड़े कई मुद्दों पर चर्ची की गयी. इस दौरान पंजाब और जम्मू कश्मीर में सिंधु नदी पर बनने वाले बांध के काम में तेजी लाने पर जोर दिया गया. जम्मू-कश्मीर में प्रस्तावित पनबिजली परियोजना और सिंधु, झेलम व चेनाब नदी के पानी का ज्यादा-से-ज्यादा इस्तेमाल के लिए बड़े बांधों पर विचार किया जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि सिंधु नदी पर बांध बनाया जायेगा.
ज्ञात हो कि उरी हमले के बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. भारत सरकार ने कहा था कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सिंधु जल समझौते को तोड़ा जा सकता है. कल सिंधु जल समझौते को लेकर गठित टास्क फोर्स की बैठक में जम्मू -कश्मीर व पंजाब के मुख्य सचिव भी थे. दोनों राज्यों को सिंधु सहित उसकी सहायक नदियों के पानी को ज्यादा-स- ज्यादा इस्तेमाल पर जोर देने का निर्देश दिया गया है.
56 साल पहले हुआ था सिंधु जल समझौता
भारत और पाकिस्तान के बीच 56 साल पहले सिंधु जल समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत सिंधु नदी के पानी को पाकिस्तान के उपयोग पर सहमति जतायी थी. इस समझौते के टूटने से भारत से बहने वाली इन नदियों के पानी को पाकिस्तान की ओर जाने से रोका जा सकता है. इससे पाकिस्तान में पानी के लिए हाहाकार मचेगा.