चंडीगढ : पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन ने शहर के नगर निगम चुनाव में आज कांग्रेस को हरा दिया. इस चुनाव में नोटंबदी एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरा था. चुनाव कार्यालय के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि भाजपा ने 26 में से 20 वॉर्डों पर जीत दर्ज की, जबकि इसकी सहयोगी शिअद ने एक वॉर्ड जीता. वहीं कांग्रेस की झोली में चार वार्ड आये और एक वॉर्ड निर्दलीय ने जीता. यहां चुनाव रविवार को हुए थे. पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस को नगर निगम चुनावों में बहुमत मिल रहा था. बहरहाल, इस साल जनवरी में हुए मेयर के चुनाव में भाजपा का प्रत्याशी जीता था.
वर्ष 1996 में नगर निगम बनने के बाद से आज के नतीजे किसी राजनीतिक पार्टी की सबसे बड़ी जीत है. चुनावी नतीजों से उत्साहित भाजपा प्रमुख अमित शाह ने स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि केंद्र के नोटबंदी के कदम के बाद से पार्टी हर चुनाव जीत रही है. उन्होंने कहा, ‘उच्च मुल्यों की मुद्रा पर रोक लगाने के बाद, हम जीत को दोहरा रहे हैं- पहले पांच राज्यों में उप चुनाव जीते, इसके बाद ठाणे नगर निगम चुनाव, राजस्थान चुनाव, गुजरात चुनाव और आज चंडीगढ़ के लोगों ने भाजपा को दिल से स्वीकार किया.’
चंडीगढ की भाजपा सांसद किरण खेर ने कहा कि मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी अभियान का समर्थन किया है क्योंकि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ था. साथ ही में पूर्ण विकास के लिए अन्य लोकहितकारी कदम भी उठाये गये हैं. उन्होने कहा, ‘प्रधानमंत्री की ओर से शुरू की गयीं सभी योजनाओं को चंडीगढ में जमीनी स्तर पर लागू किया गया.’
किरण ने कहा कि निकाय चुनावों के नतीजों का असर पंजाब में आगामी विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा जिसकी साझा राजधानी पड़ोसी हरियाणा के साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ है. हार स्वीकार करते हुए कांग्रेस के पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल ने कहा कि नोटबंदी चुनाव में एक मुद्दा था.
उन्होंने कहा कि पार्टी बैठकर अपने प्रदर्शन की वजहों को तलाशेगी. जीतने वालों में प्रतिष्ठित नामों में भाजपा के मौजूदा मेयर अरुण सूद, पूर्व सांसद हरमोहन धवन की पत्नी सुनीता धवन (भाजपा), दिवेंद्र सिंह बबला (कांग्रेस) गुरबख्श रावत (कांग्रेस), देवेश मुगदल (भाजपा) और शक्ति सिंह देवसाली (भाजपा) शामिल हैं.