पटना: विवादास्पद तेलंगाना विधेयक पेश किये जाने के दौरान लोकसभा में कल हुए हंगामे , कालीमिर्च का स्प्रे किये जाने और माइक तोड़े जाने की घटनाओं की कडे शब्दों में निंदा करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि इस समस्या का समाधान संसद के भीतर जाने वाले जनप्रतिनिधियों की जांच पडताल नहीं बल्कि आत्म नियंत्रण है और इस बारे में सभी दलों के लोगों को सोचना चाहिए.
बिहार विधामंडल के बजट सत्र के आज पहले दिन की कार्यवाही खत्म होने पर पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश ने तेलंगाना विधेयक पेश किये जाने के समय लोकसभा में कल कालीमिर्च का स्प्रे किये जाने और माइक तोड़े जाने की घटनाओं के बारे में कहा कि इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है. भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में इस तरह की घटना की कल्पना नहीं की जा सकती और इसकी निंदा के लिए शब्द कम पड जाएंगे.
चार बार लोकसभा के सदस्य रह चुके तथा प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पिछली राजग सरकार में मंत्री रहे नीतीश ने कहा कि ऐसे कृत्य के लिए माफी नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि जांच पडताल इसका समाधान कभी नहीं हो सकता है. इस समस्या का समाधान संसद के भीतर जाने वाले जनप्रतिनिधियों के स्वयं पर नियंत्रण रखने से ही होगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सांसदों और विधायकों को यह सोचना चाहिए कि वे संसद और विधानमंडल में अपनी बात रखने के लिए जा रहे हैं न कि झगडा करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजों के खिलाफ एक वातावरण बनाया जाना चाहिए.उन्होंने कहा कि संसद या विधानमंडल में कुछ वस्तुएं लेकर जाने या नहीं जाने को लेकर नियम बना हुआ है और अगर सदस्य मर्यादा का उल्लघंन करते हैं तो यह देखना सदन के पदाधिकारी की जिम्मेदारी है. नीतीश ने कहा कि जांच पडताल समस्या का समाधान नहीं ,बल्कि समस्या का समाधान है इसे नजर अंदाज नहीं किया जाना. माफी नहीं दी जानी चाहिए बल्कि उसे तार्किक परिणति तक पहुंचाया जाना चाहिए.