नयी दिल्ली : लोकसभा ने पिछले दिनों राजधानी में अरुणाचल प्रदेश के एक छात्र की कथित हत्या की निंदा की और सरकार से पूर्वोत्तर तथा देश के अन्य हिस्सों से आए लोगों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा. संसद के शीतकालीन सत्र की आज शुरु हुई पहली विस्तारित बैठक के दौरान विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया.
पूर्वोत्तर के छात्र छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं में लगातार वृद्धि पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए सुषमा ने कहा कि राजधानी के लोग यह भूल जाते हैं कि अरुणाचल प्रदेश का एक एक नागरिक चीन के खिलाफ देश की सुरक्षा में तैनात है.
सुषमा ने कहा, दिल्ली वालों को समझना होगा कि यह हिंदुस्तान गंगा जमुना के तट पर बसने वालों का तो ब्रह्मपुत्र के तट पर बसने वालों का भी उतना ही है. सदस्य जिस समय अरुणाचल के छात्र नीडो की हत्या का मामला उठा रहे थे, उस समय तेलंगाना के पक्ष और विपक्ष में आंध्र प्रदेश के विभिन्न दलों के सदस्य, बसपा सदस्य और द्रमुक सदस्य आसन के समक्ष आकर अपनी अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रहे थे.
इसी नारेबाजी के बीच सुषमा और अन्य सदस्यों ने नीदो की हत्या पर अपने विचार रखे. विपक्ष की नेता ने पूर्वोत्तर के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए छात्रावास बनाने, लोकसभा की ओर से घटना की कड़ी निंदा किए जाने और संसद की ओर से इन छात्रों की सुरक्षा का पूर्ण आश्वासन दिए जाने की मांग की.
गौरतलब है कि दक्षिणी दिल्ली के लाजपतनगर इलाके में नीदो के हेयरस्टाइल को लेकर कुछ दुकानदारों की टिप्पणी का विरोध करने पर उसकी पिटाई की गयी थी. इस घटना के कुछ घंटे बाद नीडो की मौत हो गयी थी.
अध्यक्ष मीरा कुमार ने इस विषय पर सदस्यों द्वारा अपने विचार रखे जाने के बाद कहा, पूरा सदन युवक की हत्या की निंदा करता है. पूरे देश को एक स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि संसद चाहती है कि पूर्वोत्तर के सभी लोग और बच्चे सुरक्षित महसूस करें. अरुणाचल प्रदेश से कांग्रेस सदस्य निनोंग ईरिंग ने इस घटना को राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखे जाने की अपील करते हुए कहा कि नस्लीय भेदभाव की समस्या का समाधान एक बड़ी चुनौती है.
उन्होंने इस मुद्दे को लेकर प्रश्नकाल स्थगित किए जाने के संबंध में अपने नोटिस पर सुषमा स्वराज द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में कहा कि चूंकि मामला उनके राज्य का है इसलिए उन्होंने यह मुद्दा उठाने के लिए इस प्रकार का नोटिस दिया था लेकिन अध्यक्ष द्वारा उन्हें यह मुद्दा उठाने की अनुमति दिए जाने के बाद उन्होंने इस नोटिस को वापस ले लिया था.
ईरिंग ने कहा कि नीदो का मामला कोई अकेला मामला नहीं है बल्कि पूर्वोत्तर के लोगों को लगातार घिनौने व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने नस्लीय भेदभाव समाप्त करने के लिए कड़े कानून बनाए जाने और देश के लोगों में एक दूसरे की संस्कृति के प्रति समझ पैदा करने के लिए पाठ्यपुस्तकों में इन विषयों को शामिल किए जाने की मांग की.
इरिंग ने पूर्वोत्तर के लोगों के साथ भेदभाव संबंधी मामलों के निपटारे के लिए अलग से एक समिति गठित किए जाने का भी सुझाव दिया. जनता दल यू नेता शरद यादव ने नीदो की हत्या को शर्मनाक बताते हुए कहा कि पूरे सदन को इसकी भर्त्सना करनी चाहिए. माकपा के बासुदेव आचार्य ने इसे नस्लीय भेदभाव करार दिया और कहा कि स्थिति बेहद गंभीर है.