नयी दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनंद और दो गैर सरकारी संगठनों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज गुजरात सरकार से जवाब मांगा है. सीतलवाड़ और अन्य ने अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा द्वारा अपने खाते जब्त किए जाने को चुनौती दी है.
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की पीठ ने राज्य और अतिरिक्त सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में उनसे जवाब देने को कहा है. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 सितम्बर तय की है.
तीस्ता, उनके पति और दो गैर सरकारी संगठन-सबरंग ट्रस्ट और सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर गुजरात उच्च न्यायालय के सात अक्तूबर के फैसले को चुनौती दी है. उच्च न्यायालय ने उनके निजी बैंक खाते से रोक हटाने से इंकार कर दिया था.
अपराध शाखा द्वारा गुलबर्ग सोसायटी को 2002 के दंगा संग्रहालय में बदलने के लिए जुटाई गई राशि में 1.51 करोड रुपये के घोटाले में सीतलवाड़ तथा अन्य के खिलाफ जांच शुरू करने के तुरंत बाद अहमदाबाद पुलिस ने यह कदम उठाया था.
उच्च न्यायालय ने इस बारे में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था और कहा था कि गुलबर्ग सोसायटी कोष धोखाधडी मामले में जांच महत्वपूर्ण मोड पर है.