नयी दिल्ली : कांग्रेस ने आज भी राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात का मुद्दा उठाया जिसके जवाब में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर की समस्या काफी गंभीर है. मैं मामले पर कल 11 बजे से चर्चा के लिए तैयार हूं. आपको बता दें कि राज्यसभा में सोमवार को भी यह मुद्दा उठ चुका है. कल कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने कश्मीर की बिगड़ती स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी चुप्पी तोड़ने का अनुरोध किया और वहां पिछले 31 दिनों से जारी कर्फ्यू के कारण पैदा संकट के हल के लिए राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने की मांग की. विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने, पैलेट गन के उपयोग पर रोक लगाने की भी मांग की. सदस्यों ने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजे जाने, आम रिहायशी क्षेत्रों से सेना को हटाने की भी मांग की.
कलविपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने शून्यकाल में कश्मीर की स्थिति का मुद्दा उठाया. वहीं, माकपा नेता सीताराम येचुरी, जदयू के शरद यादव ने भी सर्वदलीय बैठक का सुझाव दिया. इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस मुद्दे पर मंगलवार या बुधवार को चर्चा करायी जा सकती है.
घाटी में एक और मौत, कर्फ्यू जारी
गत शुक्रवार को हुई हिंसा में घायल हुए एक युवक की सोमवार को अस्पताल में मौत हो गयी. इसके साथ ही कश्मीर में मरनेवालों का आंकड़ा 55 तक पहुंच गया. इस बीच, श्रीनगर समेत कश्मीर के कई हिस्सों में मंगलवार को 32 वें दिन भी कर्फ्यू जारी है.
वाजपेयी जी की पहल को दोहराएं मोदी
घाटी में अशांति के मद्देनजर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलीं. बैठक के बाद महबूबा ने संवाददाताओं से कहा कि हमारे प्रधानमंत्री को वर्तमान लोकसभा में भारी जनादेश है. उन्हें अशांति से निर्मित मौके का इस्तेमाल लोगों का दिल जीतने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए करना चाहिए, जिस तरह से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था. उन्होंने पाक के साथ वार्ता का संकेत करते हुए कहा कि राज्य दोनों देशों के बीच ‘सेतु’ के तौर पर काम कर सकता है. इस बैठक में रक्षा मंत्री भी थे.