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मुख्यमंत्री पर्रिकर की सादगी की कहानी जनता की जुबानी

कमलेश कुमार सिंह, पणजी (गोवा) से लौट कर तारीख, 12 जनवरी. समय रात 11:30 बजे. स्थान मांडोवी नदी के किनारे स्थित होटल मांडोवी का प्रवेश द्वार. अचानक से एक सफेद रंग की कार रुकती है. कार में ड्राइवर के अलावा साधारण सा दिखनेवाला एक शख्स सवार है. एकबारगी आंखों पर विश्वास नहीं होता कि यह […]

कमलेश कुमार सिंह, पणजी (गोवा) से लौट कर

तारीख, 12 जनवरी. समय रात 11:30 बजे. स्थान मांडोवी नदी के किनारे स्थित होटल मांडोवी का प्रवेश द्वार. अचानक से एक सफेद रंग की कार रुकती है. कार में ड्राइवर के अलावा साधारण सा दिखनेवाला एक शख्स सवार है. एकबारगी आंखों पर विश्वास नहीं होता कि यह शख्स कोई और नहीं, बल्कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर हैं.

कार का दरवाजा खोलने के लिए ड्राइवर हड़बड़ा कर उतरता नजर नहीं आया, जैसा कि अमूमन दूसरे नेताओं के साथ दिखता है. आम तौर पर मुख्यमंत्रियों के साथ गाड़ियों का काफिला, हूटर बजाते स्कॉर्ट गाड़ी, सुरक्षा व्यवस्था व अन्य तामझाम दिखने से यह बिल्कुल अलग अंदाज दिखा. पर्रिकर मुस्कुराते हुए हाथ मिलाते हैं और मोदी की रैली के बारे में कुछ बातें करते हैं.

उनकी सादगी के बारे में काफी कुछ अखबारों में पढ़ा जा चुका था. लिहाजा, मैंने सीधे उनकी सादगी से जुड़े मसले को उठाया. उन्होंने बड़ी साफगोई से कहा कि इस बारे में पणजी के लोगों से ही पूछ लिजिए. एक स्थानीय पत्रकार ने बताया कि पणजी के विधायक के तौर पर मनोहर पर्रिकर 14 जनवरी को एक हजार सप्ताह पूरा करने जा रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने गोवा के सबसे लंबे समय तक लगातार विधायक रहने का भी रिकॉर्ड बनाया है.

मनोहर पर्रिकर पहली बार 16 नवंबर, 1994 को 39 वर्ष की उम्र में पणजी से विधायक निर्वाचित हुए थे. महज 310 सप्ताह के भीतर ही वे गोवा के मुख्यमंत्री बन गये. पणजी की युवती रोविता फर्नांडीज और एक युवक विजय तेंडुलकर ने कहा कि उन्हें लगता है कि सीएम हमारे सपनों को साकार करेंगे, इसलिए हम उन्हें वोट देते हैं. साथ ही इन दोनों ने बताया कि कैसे पर्रिकर दूसरे युवाओं की तरह अक्सर स्कूटी चलाते और आम लोगों के बीच मिलते-जुलते दिखते हैं. वे अक्सर युवाओं से नयी तकनीकों और उनकी जरूरतों को लेकर युवाओं की टोली के साथ बात करते दिखते हैं.

मनोहर का महिलाओं के बीच जबरदस्त क्रेज है. स्थानीय महिला वैदेही नायक एक दिलचस्प बात बताती हैं. पणजी की कुछ महिलाएं उनको इसलिए पसंद करती हैं, क्योंकि पत्नी की मृत्यु के बाद उन्होंने अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद अपने दो बच्चों की परवरिश बेहद अच्छे तरीके से की. कई लोगों ने बताया कि उनके विधायक बनने से पहले पणजी का नाम देश के दस धनी शहरों में शामिल नहीं था, लेकिन अब यह गुजरे दिनों की बात रह गयी है. इन सबसे अलग एक हकीकत यह भी है कि सीएम के विधानसभा क्षेत्र की मांडोवी नदी में क्रूज पर कई केसीनो खुल गये हैं. इसे लेकर कुछ लोग नाखुशी जाहिर करते हैं, खासकर बुजुर्ग.

ऐसे ही एक बुजुर्ग एलएम बांडेकर कहते हैं, इतने केसिनो खुल गये, जो पार्रिकर के विचारों और सादगी से मेल नहीं खाता. लेकिन इसके बावजूद वे इसे लेकर खामोश हैं. मनोहर पर्रिकर ने बताया कि सरकार बनने के 22 महीने के भीतर उन्होंने जनता से किये गये सारे वादे पूरे किये.

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