नयी दिल्ली:दिल्ली में अपने पहले ‘जनता दरबार’ के अफरा-तफरी के बीच संपन्न होने के बार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि अब इस की सार्वजनिक बैठकें नहीं होंगी और सरकार नई व्यवस्था शुरु करेगी जहां लोग अपनी चिंताओं के बारे में ऑनलाइन, पत्र तथा फोन के जरिए बता सकेंगे.
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे लोग भी हैं तो जो सिर्फ मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं तो मैं उनके लिए सप्ताह में एक दिन दो या तीन घंटों के लिए उपलब्ध रहूंगा. लोगों को अपनी शिकायतें लेकर हमारे पास आने की जरुरत नहीं पड़ेगी. उसके लिए हम कई दूसरे माध्यम शुरु कर रहे हैं.’’बीते शनिवार को हुए ‘जनता दरबार’ के बारे में बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘‘उस दिन बहुत लोग आ गए थे. हमने आज बैठक की. हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जहां लोग अपनी चिंताओं के बारे में ऑनलाइन रिपोर्ट कर सकते हैं. हम एक कॉल सेंटर भी स्थापित करेंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग हमें लिख नहीं सकते वे कॉल सेंटर में फोन कर सकते हैं और अपनी शिकायतों के बारे में बता सकतें हैं.. वे पत्र के जरिए भी शिकायतें भेज सकते हैं और हम यहां सचिवालय में सहायता बॉक्स भी बनाने जा रहे हैं. यह 2-3 दिन में आरंभ हो जाएगा.’’
खुफिया ब्यूरो के एक अलर्ट के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा कि उनके जीवन को कोई खतरा नहीं है और पूरी सुरक्षा आम आदमी को मिलनी चाहिए. अलर्ट में कहा गया है कि पानी टैंकर माफिया से केजरीवाल को खतरा है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मेरे जीवन को खतरा नहीं है. मुझे सुरक्षा की कोई जरुरत नहीं है. मैं एक आम आदमी की तरह रहना चाहता हूं… इन सुरक्षा एजेंसियों का काम देश के लोगों को सुरक्षा मुहैया कराना है. मुख्यमंत्री और मंत्रियों की सुरक्षा महत्वपूर्ण नहीं है. जो सुरक्षा वीआईपी लोगों को दी जा रही है वो आम आदमी को मिलनी चाहिए.’’ उन्होंने गाजियाबाद पुलिस की ओर से मुहैया कराई गई ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा को खारिज करते हुए कहा, ‘‘मुझे सुरक्षा की जरुरत नहीं है. मैं कई बार कह चुका हूं.’’