अहमदाबाद: गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन परिसंघ (जीसीएमएमएफ) के चेयरमैन विपुल चौधरी ने एक एकल जज के फैसले को आज उच्च न्यायालय के खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी.
एकल जज ने चौधरी के खिलाफ पारित अविश्वास प्रस्ताव को लागू करने की अनुमति दी थी. जीसीएमएमएफ प्रसिद्ध अमूल ब्रांड के तहत उत्पादों की बिक्री करता है. चौधरी ने न्यायमूर्ति वीएम सहाय और न्यायमूर्ति केजे ठाकर की खंडपीठ के समक्ष अपील की. हालांकि, न्यायमूर्ति ठाकर ने मामले से खुद को अलग कर लिया. मुख्य न्यायाधीश भास्कर भट्टाचार्य अब इस मामले को दूसरी पीठ के सुपुर्द करेंगे.
सोमवार को, उच्च न्यायालय के एक जज ने चौधरी के खिलाफ पारित अविश्वास प्रस्ताव को क्रियान्वित करने की परिसंघ को अनुमति दी थी. यह अविश्वास प्रस्ताव 5 दिसंबर को निदेशक मंडल की एक बैठक में पारित किया गया था.