भुज : अहमदाबाद से एक अनोखी खबर सामने आ रही है. मीडिया में जो खबरें चल रही हैं उसके अनुसार एक भिखारी ने अपने जीवन भर की कमाई को चबूतरों के निमार्ण के लिए दान कर दिया है.
दरअसल पोपट नाम का भिखारी मानसिक रूप से कमजोर है, लेकिन एक मंदिर के पुजारी को वह अपना भीख मांगा हुआ पैसा रखने के लिए रोजाना दिया करता था. पुजारी भी उसके पैसे को सहेज कर रखते गये. मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहने के बाद भी भिखारी पुजारी को पैसा देना नहीं भूलता था. पुजारी के अनुसार भिखारी 1973 से रोजाना उसके पास पैसे रखने के लिए देता आ रहा है. अब उसके खाते में 1 लाख 15 हजार जमा हो गये हैं. जिसे उसने पक्षियों के रहने के लिए बनाये जा रहे चबूतरों के लिए दान कर दिया.
पुजारी ने बताया भिखारी पोपट का नाम अमर करने के लिए चबूतरों में उसका नाम दर्ज कराया जाएगा. गुजरात के ग्रामीण इलाकों में चबूतरों की भरमार मिलती है. सामाजिक और धार्मिक रूप से चबूतरों का बड़ा महत्व है. इन चबूतरों में खोह बने हुए रहते हैं जिसमें पक्षी अपना घोसला बनाकर रह सकते हैं. 40 साल से भीख मांग रहे इस भिखारी पोपट की याददास्त काफी तेज है. वो एक बार जिस व्यक्ति से भीख मांगता है उसे वो हमेशा के लिए याद रखता है और दिखने पर जोर से चिल्ला कर आवाज देता है.