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राजकीय सम्मान के साथ हुआ लांस नायक हनुमंतप्पा का अंतिम संस्कार

हुब्बली (कर्नाटक):सियाचिन ग्लेशियर से चमत्कारिक रूप से जीवित निकाले गये बहादुर सैनिक लांस नायक हनमनथप्पा कोप्पड का अंतिम संस्कार आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ धारवाड़ स्थित उनके पैतृक गांव में किया गया. आपको बता दें कि गुरुवार को सुबह करीब 11 बजकर 45 मिनट पर हनमनथप्पा ने अंतिम सांस ली थी. मद्रास रेजिमेंट के […]

हुब्बली (कर्नाटक):सियाचिन ग्लेशियर से चमत्कारिक रूप से जीवित निकाले गये बहादुर सैनिक लांस नायक हनमनथप्पा कोप्पड का अंतिम संस्कार आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ धारवाड़ स्थित उनके पैतृक गांव में किया गया. आपको बता दें कि गुरुवार को सुबह करीब 11 बजकर 45 मिनट पर हनमनथप्पा ने अंतिम सांस ली थी. मद्रास रेजिमेंट के 33 वर्षीय सैनिक के परिवार में उनकी पत्नी महादेवी अशोक बिलेबल और 18 महीने की एक बेटी नेत्रा कोप्पड है. सोमवार को उनके जिंदा होने की खबर के बाद उनके परिवार के साथ गांव के लोगों में भी खुशी की लहर दौड़ पडी थी.

कर्नाटक के धारवाड़ के बेटादूर गांव के रहने वाले कोप्पड 13 वर्ष पहले भारतीय सेना में शामिल हुए थे. शहीद लांस नायक हनमंथप्पा कोप्पड का पार्थिव शरीर बीती रात यहां हुब्बली लाया गया. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी एच के पाटिल और विनय कुलकर्णी के साथ हनमंथप्पा के पार्थिव शरीर को लेने हवाईअड्डे गए. उनके साथ विधानसभा में विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टार और कई अन्य लोग भी थे. कर्नाटक सरकार ने शोकाकुल परिवार के लिए 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि घोषित की है.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया शोक प्रकट

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड की मृत्यु पर शोक प्रकट किया और कहा कि राष्ट्र उनकी बहादुरी और अदम्य साहस को हमेशा ही याद रखेगा. राष्ट्रपति ने उनकी मां बासम्मा कोप्पड को एक संदेश में कहा, ‘‘आपके बेटे लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड के गुजरने के बारे में जानकर मैं बहुत दुखी हूं. लांस नायक कोप्पड एक नायक थे जिन्होंने प्रतिकूल स्थिति में असाधारण दृढ शक्ति और साहस दिखाया। उन्होंने कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया.’ मुखर्जी ने कहा, ‘‘शोक की इस घडी में समूचे राष्ट्र की सहानुभूति और संवेदना आपके परिवार और आपके साथ है.’ उन्होंने कहा, ‘‘उनकी बहादुरी और अदम्य साहस को लेकर राष्ट्र हमेशा ही लांस नायक हनुमनथप्पा को याद रखेगा.’

चमत्कारी मानव कोप्पाड
कोप्पाड की तबीयत गुरुवार को और बिगड गयी थी. उन्हें नौ फरवरी को यहां आर्मी रिसर्च ऐंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. तीन फरवरी को 19,600 फुट की उंचाई पर सियाचिन में हिमस्खलन के बाद बर्फ में दबने के बावजूद वह छह दिन तक मौत को मात देने में सफल रहे थे. उन्हें ‘चमत्कारी मानव’ का नाम दिया गया है. सैनिक अस्पताल के क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों, मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष, एक वरिष्ठ किडनी रोग विशेषज्ञ और एक वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट और एम्स के विशेषज्ञों के एक पैनल ने कल उनकी हालत की समीक्षा की थी.

प्रधानमंत्री ने शोक जताया

लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड की मृत्यु पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को शोक प्रकट करते हुए कहा कि हनुमनथप्पा हमें ‘‘उदास और व्यथित’ छोड गए हैं. सियाचिन हिमनद में आए हिमस्खलन में बर्फ की मोटी परत के नीचे दबे हनुमनथप्पा को छह दिन बाद जीवित बाहर निकाला गया था. मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘वह हमें उदास और व्यथित छोड गए हैं. लांस नायक हनुमनथप्पा की आत्मा को शांति मिले। आपके अंदर जो सैनिक था वह अमर है. हमें गर्व है कि आप जैसे शहीदों ने भारत की सेवा की.’

सोनिया गांधी ने जताया शोक
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हनुमनथप्पा की मृत्यु पर गहरा सदमा और दुख जाहिर किया है. उन्होंने कहा, ‘‘अपने जीवन काल में भारत के इस वीर सपूत ने पूरे देश की जनता को एकजुट कर दिया. पूरे देश ने उनकी सलामती के लिए दुआएं मांगी और आज हर नागरिक उनके लिए दुखी है.’ हनुमनथप्पा के परिवार और उनके परिजन को भेजे अपने शोक संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने आखिरी समय तक लडते हुए अदम्य साहस, बहादुरी और निष्ठा दिखाया जो हमारी सेना की विशिष्ट पहचान है.’ हनुमनथप्पा की मृत्यु पर शोक जताते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उनकी बहादुरी को सलाम किया. बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘लांस नायक हनुमनथप्पा की मृत्यु के समाचार से दुखी हूं। बहादुर सैनिक ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्हें और हादसे में मारे गए उनके साथियों को सलाम.’

हनमनथप्पा के गांव में शोक की लहर
सियाचिन में चमत्कारिक तरीके से बचने के बाद जीवन के लिए संघर्ष करते हुए गुरुवार को मृत्यु से पराजित हो गये लांसनायक हनमनथप्पा कोप्पड के निधन की खबर सुनते ही उनका गांव शोक में डूब गया और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के साथ राज्य के लोगों ने बहादुर शहीद को श्रद्धांजलि दी. हनमनथप्पा के निधन की खबर आते ही उत्तरी कर्नाटक के धारवाड जिले में कुंडागोल तालुक के बेतादुर गांव में उनके घर के पास बडी संख्या में रिश्तेदार, दोस्त, ग्रामीण और मीडियाकर्मी जमा हो गये. सिद्धरमैया आगामी 13 फरवरी को हेब्बल विधानसभा उपचुनाव के लिए बेंगलूरु में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने इस दौरान दो मिनट का मौन रखकर वीर जवान को श्रद्धांजलि दी.

पाक ने सियाचिन से आपसी सहमति से सेना हटाने का समर्थन किया
सियाचिन के बहादुर लांस नायक हनमनथप्पा कोप्पड के निधन के बीच, पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि सियाचिन से आपसी सहमति से जवानों को हटाकर उसके तथा भारत के बीच सियाचिन मुद्दे का ‘‘तत्काल’ समाधान निकालने का समय आ गया है ताकि यह सुनिश्चित हो कि ग्लेशियर पर विषम परिस्थितियों के कारण और जानें नहीं जाएं. सियाचिन में 19600 फुट की उंचाई पर चौकी के हिमस्खलन से प्रभावित होने के बाद छह दिन तक टनों बर्फ में दबे रहने के बाद तीन दिन पहले जिंदा निकाले जाने के बाद कोप्पड को सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनका गुरुवार सुबह निधन हो गया. पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनके प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा सियाचिन से जवानों को आपसी सहमति से हटाने के प्रस्ताव के संदर्भ में कहा, ‘‘ये हादसे बातचीत के जरिये शांतिपूर्ण तरीकों से जल्दी इस मसले के समाधान की जरुरत पर बल देते हैं. ‘ बासित ने कहा, ‘‘इसलिए हमें मजबूती से लगता है कि यह सुनिश्चित करने का समय आ गया है कि सियाचिन में विषम परिस्थितियों के कारण और जानें नहीं जाएं.’

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