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आर के पचौरी ने कहा , बेबुनियाद है सारे आरोप

नयी दिल्ली :आर के पचौरी ने अपने ऊपर लग रहे कथित रूप से यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मेरे ऊपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद है. पचौरी ने कहा कि मेरे ऊपर आरोप लगाने वाली महिला अभी शैक्षणिक गतिविधी के लिए देश से बाहर है.गौरतलब है कि टेरी के आर के […]

नयी दिल्ली :आर के पचौरी ने अपने ऊपर लग रहे कथित रूप से यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मेरे ऊपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद है. पचौरी ने कहा कि मेरे ऊपर आरोप लगाने वाली महिला अभी शैक्षणिक गतिविधी के लिए देश से बाहर है.गौरतलब है कि टेरी के आर के पचौरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप था.

उधर महिला ने खुला पत्र लिखकर टेरी में आर के पचौरी के नियुक्ति पर सवाल खड़ा किया है.आर के पचौरी को टेरी का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किये जाने पर उन पर यौन उत्पीडन का आरोप लगाने वाली महिला ने टेरी की कड़ी आलोचना करते हुए पचौरी को हरित निकाय का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त करने के फैसले को शर्मनाक बताया है. उसने आज कहा कि इस फैसले ने उसके रोंगटे खडे कर दिये हैं और वह इस मामले को तार्किक अंजाम तक ले जायेगी. आज जारी एक खुले पत्र में टेरी (द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट) की पूर्व कर्मचारी ने कहा कि टेरी की संचालन परिषद का फैसला घृणित है. संस्थान ने पचौरी के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप होने के बावजूद उन्हें संस्थान को चलाने के लिए कार्यकारी शक्तियों के साथ उनकी नियुक्ति की है.

हालांकि, पचौरी के वकील आशीष दीक्षित ने कहा कि नियुक्ति में कुछ भी गलत नहीं है और शिकायतकर्ता विवाद को जिंदा रखने और अदालती कार्यवाही में विलंब करने का प्रयास कर रही है. शिकायतकर्ता ने कहा, ‘पूरी बेशर्मी. कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन, पीछा करने और आपराधिक धमकी के आरोपों का सामना कर रहे व्यक्ति को पदोन्नति के समाचार ने उसके रोंगटे खडे कर दिये हैं.’ पचौरी को कल टेरी का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. पचौरी के लिए इस पद का सृजन किया गया था.

हालांकि, यौन उत्पीडन के आरोपों को लेकर पचौरी के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही चल रही है. पचौरी फिलहाल जमानत पर हैं. टेरी की संचालन परिषद के सदस्यों में एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख, एचएसबीसी बैंक की पूर्व अध्यक्ष नैना लाल किदवई, डीएसपी ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट के अध्यक्ष हेमेंद्र कोठारी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव शैलेश नायक और टेरी में फेलो लीना श्रीवास्तव शामिल हैं. टेरी ने कहा कि पचौरी ने पिछले साल जुलाई में अदालत की अनुमति से महानिदेशक का पद संभाला था और नियमों का पूरी तरह पालन करने के बाद उन्हें टेरी का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया.

पचौरी कार्यकारी उपाध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति से पहले महानिदेशक के पद पर कार्य कर रहे थे. महिला ने आरोप लगाया कि अदालत के बाहर मामले में समझौता करने पर उसे मजबूर करने के लिए कई प्रयास किये गये लेकिन उसने पत्र में कहा कि वह मामले को तार्किक अंजाम तक ले जाएगी. शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने सुना था कि पचौरी टेरी में पांव जमाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उसे विश्वास नहीं हुआ था.

उसने कहा, ‘तीन अक्तूबर 2015 के आस-पास मैंने इसे कुछ मौजूदा और पूर्व साथियों से सुना। मैं इस बारे में सोचने को लेकर संशय में थी कि संस्था मौजूदा दहकती आग पर इतना घटिया तेल नहीं छिडकेगी. मैं बिल्कुल गलत थी.’ महिला ने कहा कि उसने पचौरी को टेरी के महानिदेशक पद से बर्खास्त करने की मांग को लेकर पिछले साल तीन अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. उसने कहा, ‘मैं दर-दर भटक रही हूं. मैं नहीं जानती थी कि क्या करुं. इसलिए मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा लेकिन मुझे उनके कार्यालय से अब तक उस बारे में कुछ भी सुनने को नहीं मिला.’

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