मुंबई: महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों को अभी इस बारे में फैसला करना है कि बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को यहां आर्थर रोड जेल में रखा जाए या कहीं और भेजा जाए. इस बीच दत्त ने यहां जेल में अपनी पहली रात आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़ते हुए बिताई.
53 वर्षीय दत्त ने कल टाडा अदालत में आत्मसमर्पण किया था और उन्हें मध्य मुंबई की उच्च सुरक्षा वाली जेल भेज दिया गया. वर्ष 1993 के मुंबई बम विस्फोट कांड के मामले में दोषी अभिनेता को 42 महीने की अवधि जेल में काटनी होगी. उच्चतम न्यायालय ने उन्हें दोषी ठहराये जाने के फैसले को बरकरार रखा था. हालांकि मार्च में उनकी सजा को एक साल कम करके छह साल से पांच साल कर दिया था. वह डेढ़ साल पहले ही जेल में काट चुके हैं.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) मीरा बोरवनकर ने कहा, ‘‘दत्त को किसी और जेल में भेजने के विषय पर अभी विचार नहीं हुआ है.’’ एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेल विभाग फिलहाल दोषियों की संख्या, सुरक्षा हालात, राज्य की अनेक जेलों जैसे तलोजा (नवी मुंबई), यरवदा (पुणे) ठाणे, नागपुर और नासिक में अंडरवल्र्ड से जुड़े कैदियों आदि की जानकारी इकट्ठा कर रहा है. धिकारी ने कहा, ‘‘हम इस जानकारी को देखेंगे और उसके बाद इस बारे में फैसला करेंगे कि अभिनेता को यहां से भेजा जाए या नहीं. अगर हालात मंजूरी देते हैं तो उन्हें आर्थर रोड जेल में ही रखा जा सकता है. हालांकि उन्हें यरवदा जेल भेजने की संभावना ज्यादा दिखाई देती है.’’