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लोस में चौथे दिन भी नहीं हुआ प्रश्नकाल, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

नयी दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में विभिन्न मुद्दों को लेकर गतिरोध की स्थिति आज लगातार चौथे दिन भी बनी रही. विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा अपने अपने मुद्दों को लेकर किए गए हंगामे के कारण सदन में लगातार चौथे दिन प्रश्नकाल नहीं हो सका और कार्यवाही को एक बार के स्थगन […]

नयी दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में विभिन्न मुद्दों को लेकर गतिरोध की स्थिति आज लगातार चौथे दिन भी बनी रही. विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा अपने अपने मुद्दों को लेकर किए गए हंगामे के कारण सदन में लगातार चौथे दिन प्रश्नकाल नहीं हो सका और कार्यवाही को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर साढ़े 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया.

सदन में भारी हंगामे की स्थिति बने रहने के कारण अध्यक्ष मीरा कुमार कुछ सदस्यों द्वारा पेश अविश्वास प्रस्तावों को सदन के समक्ष नहीं रख सकीं. हंगामे के बीच ही सदन ने वर्ष 2013 14 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों (सामान्य) और (रेलवे) को मंजूरी प्रदान कर दी.

सुबह सदन की बैठक शुरु होते ही द्रमुक सदस्य श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किए जाने, जनता दल यू सदस्य बिहार को कथित रुप से अपमानजनक पत्र लिखने को लेकर गृह मंत्री से माफी की मांग, बसपा सदस्य मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों में बच्चों की मौत की खबरों, तेदेपा तथा वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य तेलंगाना मुद्दे तथा कई अन्य दलों के सदस्य अपने अपने मुद्दों को लेकर आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे.

अध्यक्ष मीरा कुमार ने प्रश्नकाल शुरु करवाने का प्रयास किया लेकिन हंगामा जारी रहने पर उन्होंने कुछ ही देर बाद बैठक 12 बजे तक स्थगित कर दी. 12 बजे भी सदन में यही नजारा रहा. अध्यक्ष ने हंगामे के बीच ही वर्ष 2013 14 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों (सामान्य) और (रेलवे) तथा इससे जुड़े विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया.

हंगामे में ही शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री कुमारी सेलजा ने अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक को पेश किया. अध्यक्ष मीरा कुमार ने इसी दौरान मध्य प्रदेश की बालाघाट लोकसभा सीट से के जी देशमुख के इस्तीफे की सूचना सदन को दी और साथ ही बताया कि देशमुख का इस्तीफा 12 दिसंबर से स्वीकृत कर लिया गया है.

मीरा कुमार ने सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने की अपील करते हुए कहा कि उन्‍हें कुछ सदस्यों द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव को सदन के समक्ष रखना है और 50 सदस्यों को गिनना है. गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव के नोटिसों को स्वीकार करने के लिए उन पर कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन जरुरी होता है. मीरा कुमार की अपील का सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ और हंगामा जारी रहा. स्थिति शांत नहीं होते देख उन्होंने करीब साढ़े 12 बजे बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी.

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