नयी दिल्ली : भाजपा ने आज कहा कि बुलबुल से लेकर दुनिया की हर शह कैद से आजादी चाहती है, लेकिन एक अनूठी मिसाल सीबीआई निदेशक की है जो उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बावजूद अपने संस्थान की सरकारी नियंत्रण से आजादी नहीं चाहते.
पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने यहां कहा कि शीर्ष अदालत ने जब सीबीआई को सरकार के नियंत्रण से आजाद करने की बात कही तो इन्हीं निदेशक (रंजीत सिन्हा) ने उस समय उसका स्वागत किया था. लेकिन अब वह कह रहे हैं कि इसे पूरी तरह बेलगाम नहीं बनाना चाहिए.
शाहनवाज, सिन्हा के हाल के उस बयान पर कटाक्ष कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा है कि सीबीआई को बाहरी हस्तक्षेप से मुक्त करने के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह ‘‘बेलगाम’’ न हो जाए. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी संगठन को पूरी तरह स्वतंत्र नहीं बनाया जा सकता है.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सिन्हा के इस बयान ने पार्टी को बहुत ही अधिक निराश किया है क्योंकि वह सीबीआई की आजादी की बजाय उसकी कैद की वकालत करते दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई निदेशक के इस बयान से एक पुराने गाने के यह बोल याद हो आए.. ‘‘कैद में है बुलबुल, सय्याद मुस्कुराए, कहा भी न जाए, चुप रहा भी न जाए.’’पार्टी ने मांग की कि सभी संवैधानिक इकाइयों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए.