नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी अपने राजनीतिक और कूटनीतिक फैसलों से हमेशा लोगों को चौकाते रहते हैं. उनके ये फैसले अप्रत्याशीत होते हैं, जो दूरगामी असर डालते हैं. मोदी की सर्वाधिक सक्रियता कूटनीतिक मोर्चे पर ही दिखती है और वे ऐसे नेता के रूप में उभरे हैं, जो हर पक्ष से बात करने को तैयार है और हर देश से सहयोग की उम्मीद करता है. आम तौर पर पाकिस्तान के साथ तल्ख रहे रिश्तों के कारण आज जब प्रधानमंत्री ने अफगान संसद के उद्घाटन के दौरान पाकिस्तान का सकारात्मक ढंग से उल्लेख किया था, तो उसमें भी एक अहम संकेत था. पीएम ने अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान की भूमिका को अहम बताया था.
नरेंद्र मोदी ने अपनी महज ढाई दिन की विदेश यात्रा में तीन देशों के राष्ट्रप्रमुखों के साथ अलग अलग वार्ता व कूटनीतिक रिश्ते को मजबूत बनाने की पहल की है. वे पहले भारत-रूस की 16वीं शिखर वार्ता के लिए मास्को गये और वहां ब्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की, फिर उसके बाद अफगानिस्तान गये और वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी से भेंट की और कई सौगातों का एलान किया.
अब वे काबुल से लौटते वक्त रास्ते में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से लाहौर में मुलाकात करने वाले हैं. नवाज का आज जन्मदिन है. शरीफ व नवाज में हाल ही में पेरिस में जलवायु सम्मेलन में मिले थे. दोनों नेताओं के बीच हुई इस संक्षिप्त और अनौपचारिक वार्ता ने दोनों देशों के बीच वार्ता का नया सिलसिला शुरू कर दिया.
दिलचस्प यह कि इस अहम मुलाकात काे पूरी तरह गोपनीय रखा गया था. हालांकि कुछ लोग पीएम के इस दौरे को अचानक उठाया गया कदम कह रहे हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से इस बात को मानना मुश्किललगता है. ज्यादा संभवना इस बात कि है कि यह सूचना सिर्फ बेहद महत्वपूर्ण लोगों को थी, क्योंकि पीएम का ट्वीट आने के मिनटों में ही इसे स्टेट्समैन के द्वारा उठाया कदम बताने वाला ट्वीट विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आता है.
इस मुलाकात का पाकिस्तानी मीडिया ने भी स्वागत किया है. पाकिस्तान के बड़े पत्रकार तारीक मीरजादा ने इस भेंट का स्वागत करते हुए कहा है कि नवाज शरीफ अबतक पाकिस्तान के सबसे बेहतरीन प्रधानमंत्री हैं और दोनों देशों के बीच बातचीत की प्रक्रिया अच्छी पहल है.