नयी दिल्ली: अपनी शिकायत को चुनाव पूर्व राजनीतिक साजिश का हिस्सा होने के आक्षेपों को खारिज करते हुए तहलका के संपादक तरुण तेजपाल द्वारा कथित यौन उत्पीड़न की शिकार पीड़िता ने आज कहा कि उसके साथ उन्होंने जो किया वह दुष्कर्म की कानूनी परिभाषा के दायरे में आता है.पुलिस की पूछताछ का सामना करने के लिए तेजपाल के गोवा रवाना होने से पहले अपने बयान में पीड़िता ने कहा कि पिछले एक पखवाड़े से चारों ओर से मिल रहे समर्थन से उसका मनोबल बढा है.
दो पृष्ठ के बयान में उन्होंने कहा है, ‘‘हालांकि, मैं काफी चिंतित और आक्षेपों से काफी आहत हूं कि मेरी शिकायत चुनाव पूर्व राजनीतिक साजिश का एक हिस्सा है.’’ ऐसे आक्षेपों को स्पष्ट तौर पर खारिज करते हुए उन्होंने कहा है कि तेजपाल ने जो किया वह दुष्कर्म है. एक ओर जहां तेजपाल अपने धन-ऐश्वर्य, रसूख और विशेष लाभ को बचाने के लिए जद्दोजेहद कर रहे वहीं उनके लिए यह लड़ाई ‘अपने सम्मान और अपने अधिकार के लिए है कि मेरा शरीर मेरा है और मेरे नियोक्ता का खिलौना नहीं है.
पीड़िता ने कहा कि इस सबसे दर्दनाक अनुभव का सबसे कठिन हिस्सा कुछ चीजों से जूझना है. मुझे नहीं पता कि क्या मैं अपने आपको अपने सहयोगियों , मित्रों , समर्थकों और आलोचकों की नजर में एक ‘दुष्कर्म पीड़िता’ के तौर पर देखने को तैयार हूं.
तहलका में पत्रकार पीड़िता ने कहा, ‘‘पीड़ित अपराध को श्रेणीबद्ध नहीं करता है.. यह कानून करता है. और इस मामले में कानून स्पष्ट है..मिस्टर तेजपाल ने मेरे साथ जो किया वह दुष्कर्म की कानूनी परिभाषा में आता है.’’ उसने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट तौर पर इस तरह के आरोपों को खारिज करती हूं और इन दलीलों को सामने रखती हूं..अपनी जिंदगी और अपने जिस्म पर अधिकार के लिए महिलाओं का संघर्ष निश्चित तौर पर राजनीतिक लड़ाई है..लेकिन महिलावादी राजनीति और उनकी चिंताएं हमारे राजनीतिक दलों की संकीर्ण सोच से व्यापक है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मैं अपने राजनीतिक दलों से लिंग, शक्ति और हिंसा को लेकर एक महत्वपूर्ण परिचर्चा को अपने बारे में संवाद में बदलने के लोभ को त्यागने का आह्वान करती हूं.’’ इन आरोपों से उसने इंकार किया कि वह किसी की शह पर काम कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के आरोप कि मैं किसी की इशारों पर काम कर रही हूं मनोबल तोड़ने वाला है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह, बेहतर तरीके से जानने वाले टेलीविजन कमेंटेटरों ने मिस्टर तेजपाल द्वारा मेरा यौन उत्पीड़न किये जाने के वक्त और उसके बाद , मेरे इरादों और मेरे कदमों पर सवाल उठाया.’’
पीड़िता ने कहा, ‘‘कुछ (टिप्पणीकारों) ने मेरे द्वारा शिकायत दर्ज कराने में लगे वक्त पर भी सवाल उठाया. अधिक छिद्रान्वेषियों ने तो ‘यौन उत्पीड़न’ बनाम ‘बलात्कार’ शब्दों के इस्तेमाल पर भी प्रश्न खड़ा किया. ’’ उसने अपने इस मामले को नये बलात्कार विरोधी कानून के लिए अग्निपरीक्षा भी करार दिया.
उसने कहा, ‘‘अब जबकि हमारे पास नया कानून है जो बलात्कार की परिभाषा का दायरा बढ़ाता है, ऐसे में हमने जिस बात के लिए संघर्ष किया है, उस पर हमें कायम रहना चाहिए. हमने बार बार कहा है, कैसे बलात्कार केवल यौनेच्छा या सेक्स से संबंधित नहीं है बल्कि इसका संबंध सत्ता, विशेषाधिकार और हक से भी है. यह नया कानून प्रत्येक पर लागू होना चाहिए यानी न केवल बस गुमनाम अजनबियों पर बल्कि धनवान, रसूख और उंची पहुंच वालों पर भी.’’
पीड़िता ने कहा कि जैसा कि इस मामले में कुछ प्रतिक्रियाओं पर देखा गया, परिवार और हिरासत में बलात्कार की घटनाएं दृढ़ नारीवादियों के लिए और बड़ी चुनौती पेश करती हैं. उसने कहा कि यह मार्ग अख्तियार कर उसने उपर निजी और मानहानि संबंधी हमले का द्वार खोल दिया है और यह उसके लिए आसान संघर्ष नहीं होगा.