नयी दिल्ली: सभी दंगा पीड़ितों के लिए समान क्षतिपूर्ति नीति और आतंकवाद के मामलों में गलत तरीके से फंसे अल्पसंख्यक युवकों को मुआवजा देने की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में पेश करने के लिए आज मंजूरी दे दी.
सरकार ने वर्ष 2010-11 के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) की 18 वीं वार्षिक रिपोर्ट पर कार्रवाई रिपोर्ट भी मंजूर कर ली जिसके साथ अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय का नोट भी है.
एनसीएम के तत्कालीन प्रमुख मोहम्मद शफी कुरैशी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पुलिस अकादमी और राज्य पुलिस मुख्यालय पुलिसकर्मियों के लिए समय समय पर व्याख्यान, कार्यशाला और संगोष्ठियां आयोजित कर अल्पसंख्यकों के विषय पर उन्हें संवेदनशील बना सकते हैं.
उन्होंने लिखा है,’’आतंकवाद संबंधी घटनाओं में युवा मुसलमानों की गिरफ्तारी से मुस्लिम समुदाय में असुरक्षा की भावना घर कर गयी. जिन्हें अदालत निदरेष पाती है और बरी कर देती हैं, उनका पुनर्वास किया जाए और उन्हें मुआवजा दिया जाए. सभी दंगा पीड़ितों के समुदाय, जाति आदि से उपर उठकर समान क्षतिपूर्ति नीति होनी चाहिए.’’आयोग ने वर्ष 2012 में सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी.